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Sunday, April 27, 2025
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26/11 का मास्टर माइंड तहव्वुर राणा की वापसी मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत: अमित शाह

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मुंबई हमले के आरोपित तहव्वुर राणा की वापसी बड़ी सफलता: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपित तहव्वुर राणा की भारत वापसी मोदी सरकार की कूटनीति की बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि जो भी लोग भारत के लोगों के साथ गलत करते हैं, उन्हें कानून के कटघरे में लाया जाए। एक निजी टीवी चैनल पर बातचीत में शाह ने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात होगी कि तहव्वुर राणा पर भारतीय अदालत में मुकदमा चलेगा।


अमित शाह ने राहुल गांधी पर लगाया अफवाह फैलाने का आरोप

गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश में अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनके सहयोगियों ने यह गलत बात फैलाई कि सीएए के लागू होने से मुसलमानों की नागरिकता छिन जाएगी। शाह ने साफ कहा कि सीएए लागू होने के बाद से अब तक किसी भी मुसलमान की नागरिकता नहीं छीनी गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने देश को गुमराह किया और इस मुद्दे पर हिंसा भड़काई।


वक्फ संशोधन बिल पर कांग्रेस नेताओं की चुप्पी पर सवाल

अमित शाह ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ का मुद्दा कांग्रेस के लिए इतना अहम था, तो प्रियंका गांधी संसद में वोट देने क्यों नहीं आईं? साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि राहुल गांधी ने वक्फ संशोधन बिल पर संसद में चुप्पी क्यों साधी?


जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त हो रहा है देश: शाह

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त किया है और अब देश विकास की राजनीति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब सरकार का लक्ष्य सभी वर्गों को समान अवसर देना और देश को मजबूत बनाना है।


26/11 क्या है? –

26/11 का मतलब 26 नवम्बर 2008 से है। यह दिन भारत के इतिहास में सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक के रूप में जाना जाता है। इस दिन पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई शहर में कई जगहों पर हमला किया था। इस हमले को “26/11 मुंबई आतंकी हमला” कहा जाता है।


हमले की मुख्य बातें:

  • तारीख: 26 नवम्बर 2008 से लेकर 29 नवम्बर 2008 तक (कुल 60 घंटे चला हमला)
  • स्थान: मुंबई के प्रमुख स्थान जैसे —
  • छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (रेलवे स्टेशन)
  • ताज होटल
  • ओबेरॉय होटल
  • नरीमन हाउस (यहूदी केंद्र)
  • कामा अस्पताल
  • हमलावर: 10 आतंकवादी, जो समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए थे
  • आतंकी संगठन: लश्कर-ए-तैयबा (पाकिस्तान आधारित)
  • मारे गए लोग: लगभग 166 लोग
  • घायल लोग: 300 से अधिक
  • भारतीय पुलिस और एनएसजी कमांडो ने 9 आतंकियों को मार गिराया, और एक आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया।

26/11 और 9/11 में फर्क:

  • 26/11 — भारत के मुंबई शहर में हुआ आतंकवादी हमला (26 नवम्बर 2008)
  • 9/11 — अमेरिका के न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुआ आतंकी हमला (11 सितम्बर 2001)

अमेरिका में तारीख लिखने का तरीका MM/DD/YYYY होता है, इसलिए वहाँ के लोग “11 सितम्बर” को 9/11 कहते हैं।
भारत में तारीख DD/MM/YYYY होती है, इसलिए “26 नवम्बर” को 26/11 कहते हैं।


महत्व क्यों है?

26/11 हमला न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी थी कि आतंकवाद अब बड़े शहरों के दिल तक पहुँच चुका है। इसने भारत की सुरक्षा प्रणाली, खुफिया तंत्र और आतंकवाद से निपटने की नीति पर बहुत गहरा असर डाला।


कौन है तहव्वुर राणा?

**तहव्वुर राणा** एक पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं, जो 2008 के **मुंबई आतंकी हमले (26/11)** की साजिश में शामिल माना जाता हैं। इस हमले का एक ऐसी शख़्सियत जिसका हमले के सभी सूत्रधारों से संपर्क रहा। जेम्स हेडली कोलमेन, पाकिस्तानी सेना, आएसआई और हमले में शामिल आतंकियों से बराबर संपर्क में रहा।

वह पेशे से डॉक्टर रहा है और पाकिस्तान की सेना में भी रह चुका हैं। बाद में वह कनाडा और फिर अमेरिका भाग गया, जहाँ उसने एक इमीग्रेशन सर्विस कंपनी चलायी। 

**मुख्य बातें:**

– तहव्वुर राणा, **डेविड कोलमैन हेडली** (मुंबई हमले का मास्टरमाइंड) का बचपन का दोस्त है। राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को मुंबई हमले की योजना बनाने और उन जगहों की रेकी करने में मदद की जहां आतंकी हमला किया जाना था।

– राणा ने अपने बिजनेस का इस्तेमाल करते हुए हेडली को भारत में घुसपैठ करने और हमले की प्लानिंग करने में सहयोग दिया- उसे 2009 में अमेरिका के शिकागोसे गिरफ्तार किया गया था और अमेरिका की अदालत ने अब उनके भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।

– राणा की ओर से दलील दी गई थी कि भारत में उनकी जान को खतरा है और उन्हें टॉर्चर  किया जाएगा। लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।

अब भारत उन्हें अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाकर 26/11 हमलों के लिए न्याय के कटघरे में खड़ा करने की तैयारी में है।

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