spot_img
Thursday, July 10, 2025
HomeBig Breakingप्रधानमंत्री मोदी ने कहा - 11 वर्षों में योग दुनियाभर के करोड़ों...

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा – 11 वर्षों में योग दुनियाभर के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बना

-


योग दिवस की शुभकामनाएँ

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और दुनियाभर के लोगों को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में उन्होंने योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया और स्वयं भी योग किया। उन्होंने कहा कि “11 सालों में योग दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन गया है।”


दिव्यांग और वैज्ञानिकों की भागीदारी की सराहना

प्रधानमंत्री ने दृष्टिबाधित (दिव्यांग) लोगों को ब्रेल लिपि में योग ग्रंथ पढ़ते देखकर खुशी जतायी और उन वैज्ञानिकों की सराहना की जो अंतरिक्ष में भी योग का अभ्यास कर रहे हैं।


योग: सीमाओं से परे, सबके लिए

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग ओपेरा हाउस (सिडनी) से लेकर माउंट एवरेस्ट और महासागर तक – हर जगह यही संदेश दे रहा है कि “योग सबके लिए है, उम्र, स्थान या स्थिति से परे।”


‘योगेंद्र अभियान’ में दो करोड़ से अधिक लोग जुड़े

उन्होंने बताया कि ‘योगेंद्र अभियान’ में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया है, जो जनता की जबरदस्त भागीदारी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यही भागीदारी “विकसित भारत” की नींव है।


थीम: “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य”

इस साल का योग दिवस थीम है: “Yoga for One Earth, One Health”
प्रधानमंत्री ने बताया कि इंसान की सेहत, मिट्टी की गुणवत्ता, पानी की शुद्धता, पशु-पक्षियों का स्वास्थ्य और पौधों से मिलने वाले पोषण से जुड़ी होती है। योग हमें इन सबके साथ जुड़ने का मार्ग दिखाता है।


‘Me to We’ की भावना और भारतीय संस्कृति

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग केवल व्यक्तिगत अनुशासन नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक चेतना है। योग हमें “मैं से हम” की भावना सिखाता है, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा है।
उन्होंने भारत की प्राचीन सोच “सर्वे भवन्तु सुखिनः” (सभी सुखी रहें) का ज़िक्र किया।


योग: दुनिया की तनाव भरी स्थिति में समाधान

मोदी जी ने दुनिया में बढ़ते तनाव, संघर्ष और अस्थिरता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा,
“योग मानवता के लिए ‘पॉज बटन’ है, जो संतुलन और शांति लाता है।”
उन्होंने दुनिया से अपील की कि यह योग दिवस एक नई शुरुआत हो – “Yoga for Humanity 2.0”, जहाँ आंतरिक शांति ही वैश्विक नीति बने।


मोटापा और तेल के सेवन पर चेतावनी

प्रधानमंत्री ने मोटापे को एक वैश्विक चुनौती बताया और अपने पुराने “मन की बात” में की गई अपील को दोहराया:
तेल की खपत में रोजाना 10% की कटौती करें। उन्होंने बताया कि योग को रोज़मर्रा की आदत बनाकर और ख़राब खानपान से बचकर हम बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं।


योग को जन आंदोलन बनाएं

अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि योग को एक जन आंदोलन (जन-आंदोलन) बनाना चाहिए।
उन्होंने आशा जताई कि योग से एक वैश्विक शांति और संतुलन की लहर फैलेगी।
“योग मानवता को जोड़ने वाली डोर बने, और ‘One Earth, One Health’ एक वैश्विक मंत्र बने,” – यह प्रधानमंत्री का संदेश था।


Related articles

Bihar

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts