पटना से स्थानीय संपादक जितेन्द्र कुमार सिन्ह।
“Technical degrees” पटना हाईकोर्ट ने बीटेक डिग्री धारकों को जूनियर इंजीनियर (JE) पद के लिए अयोग्य करार दिया है। जल संसाधन विभाग के सिविल इंजीनियरिंग संवर्ग भर्ती नियम-2023 को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा-
राज्य सरकार को भर्ती के लिए अर्हता निर्धारित करने का अधिकार है।
क्या है मामला?
बिहार सरकार ने JE पद के लिए डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग या समकक्ष योग्यता निर्धारित की थी। कुछ बीटेक डिग्री धारकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार के नियमों को सही ठहराया और याचिका खारिज कर दी।
फैसले का प्रभाव:
- 6379 जूनियर इंजीनियर पदों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव होगा।
- पुरानी मेरिट लिस्ट को निरस्त कर नए सिरे से मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है।
- बीटेक डिग्री धारकों को JE पद के लिए आवेदन
हाईकोर्ट का फैसला और आरक्षण विवाद
पटना हाईकोर्ट ने पहले भी JE भर्ती में 40% आरक्षण को लेकर संदेह जताया था। अदालत ने 19 अप्रैल 2022 को दिए अपने आदेश में इस आरक्षण के आधार पर जारी रिजल्ट को कैंसिल कर दिया था। इसके साथ ही सरकार द्वारा की गई JE की नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया गया था।
**नियुक्ति हाईकोर्ट ने 3 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब जारी कर दिया गया है।
- राज्य सरकार को नए सिरे से काउंसलिंग और मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है।
- भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी और नए नियमों के आधार पर बहाली होगी।
निष्कर्ष
पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से बीटेक डिग्री धारकों का JE बनने का रास्ता बंद हो गया है, जबकि डिप्लोमा धारकों को राहत मिली है। इसके अलावा, **आरक्षण को लेकर उठे विवाद के कारण सरकार को नई मेरिट लिस्ट और भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करना होगा
Patna High Court’s Major Decision: B.Tech Degree Holders Ineligible for JE Post, Only Diploma Holders Eligible, Petition Challenging Rule Dismissed.
While dismissing the petition challenging the Civil Engineering Cadre Recruitment Rules-2023 under the Water Resources Department, the court stated that the state government has the right to determine eligibility criteria.