जितेंद्र कुमार सिन्हा, पटना, 19 जनवरी:
गलोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कला संस्कृति प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव पवन सक्सेना की अनुशंसा और ग्लोबल उपाध्यक्ष आलोक “अविरल” के अनुमोदन पर सुप्रसिद्ध वायलिन वादक और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मर्मज्ञ डॉ. रंजन कुमार को जीकेसी (कला संस्कृति प्रकोष्ठ) का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह जानकारी जीकेसी मीडिया प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने दी।
संगीत के प्रति डॉ. रंजन कुमार का समर्पण:
डॉ. रंजन कुमार का संगीत से परिचय उनके गायन से शुरू हुआ। वायलिन वादन की नई शैली में निपुणता प्राप्त करने के लिए उन्होंने पद्मभूषण डॉ. एम.एस. गोपालकृष्णन और विद्वान डॉ. श्रीराम परशुराम से मार्गदर्शन प्राप्त किया। ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और आईसीसीआर के नियमित कलाकार डॉ. रंजन ने भारत और विदेशों में वायलिन वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने इंग्लैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, लक्ज़मबर्ग, बेल्जियम जैसे देशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत का परचम लहराया।
सम्मान और उपलब्धियां:
डॉ. रंजन कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जाम्बिया के राष्ट्रपति एडगर सी. लुंगू ने सराहा और सम्मानित किया है। उन्हें “संगीत कला रत्न,” “महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान,” और “राष्ट्रीय कला सम्मान” जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
नेताओं और समाज की प्रतिक्रियाएं:
डॉ. रंजन कुमार के मनोनयन पर जीकेसी के कई नेताओं ने हर्ष व्यक्त किया, जिनमें ग्लोबल उपाध्यक्ष आनंद सिन्हा, मुख्य वित्तीय पदाधिकारी निष्का रंजन, राष्ट्रीय संगठन सचिव शुभ्रांशु सक्सेना, सेवा एवं मानवाधिकार प्रकोष्ठ राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. नम्रता आनंद, और महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सपना वर्मा शामिल हैं।
उनकी नियुक्ति पर जीकेसी के सभी सदस्यों और कायस्थ समाज ने प्रसन्नता जाहिर की है, और इसे कला व संस्कृति के क्षेत्र में एक नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।