पटना से जितेंद्र कुमार सिन्हा|
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने देश में बढ़ रही घरेलू हिंसा और साइबर अपराधों को लेकर गहरी चिंता जतायी है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग इन मामलों के जल्द निपटारे के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
वे 24 जून को सीतामढ़ी और 25 जून को मोतिहारी में ‘आयोग आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत जनसुनवाई करेंगी, जहाँ महिलाएं अपनी समस्याएं सीधे आयोग के सामने रख सकेंगी।
बिहार के तीन दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। दौरे के दौरान ममता कुमारी वन स्टॉप सेंटर और हेल्थ सेंटरों की भी जांच करेंगी, जहाँ महिलाओं को मदद मिलती है। साथ ही, वे जेलों में बंद महिला कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लेंगी।
इस दौरे का उद्देश्य महिलाओं से जुड़े मुद्दों को जमीनी स्तर पर समझना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना है।
Patna| National Commission for Women Concerned Over Domestic Violence and Cybercrime; Public Hearings to Be Held in Sitamarhi on 24th and Motihari on 25th of June.
कौन हैं ममता कुमारी?
ममता कुमारी जी राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं। उन्होंने 10 मार्च 2023 को इस पद का कार्यभार संभाला। वे झारखंड के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट गांव से आती हैं और बचपन से ही महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ती आ रही हैं।
महिला आयोग में शामिल होने पर उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था।
शिक्षा और संघर्ष की कहानी
- उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की।
- 9वीं कक्षा से ही ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठाया।
- समाजशास्त्र में स्नातक हैं।
- उन्होंने जात-पात से ऊपर उठकर अंतर्जातीय विवाह किया और सामाजिक समरसता का उदाहरण पेश किया।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
- अपने गांव में वीणा भारती आवासीय स्कूल और जनार्दन भाई शिक्षण संस्थान की स्थापना की।
- इन स्कूलों में खासकर गरीब, आदिवासी, अनाथ, पिछड़े वर्ग के बच्चों को निशुल्क और संस्कारयुक्त शिक्षा दी जाती है।
- उन्होंने अनाथ बच्चों को छात्रावास में रखकर मुफ्त शिक्षा दी है।
पर्यावरण प्रेम
- ममता जी ने अपने क्षेत्र में लगभग 30,000 फलदार पेड़ लगाए हैं।
- उनका मानना है कि प्रकृति और शिक्षा, दोनों समाज के लिए जरूरी हैं।
महिलाओं के लिए काम
- उन्होंने स्वयं सहायता समूह बनाए।
- महिलाओं को लघु और कुटीर उद्योगों से जोड़कर रोजगार के अवसर दिए।
शिक्षिका से आयोग सदस्य तक का सफर
- वे पहले एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका थीं।
- महिला आयोग में शामिल होने पर उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।
कोरोना और आपदा में सेवा कार्य
- कोविड काल में ममता जी ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुँचाया।
- बाढ़ राहत कार्यों में भी सक्रिय रहीं।
- समाजसेवा के लिए उन्हें कई सम्मान मिले।
प्रमुख सम्मान
- “अपराजिता सम्मान” – प्रभात खबर, झारखंड द्वारा (2024)।
- “राम मनोहर लोहिया सम्मान” – झारखंड सरकार द्वारा।
महिला आयोग में कार्य
- उन्होंने सीमा क्षेत्रों, जेलों, अस्पतालों और वृद्धाश्रमों में महिलाओं की स्थिति का अध्ययन किया।
- दहेज हत्या, बलात्कार, एसिड अटैक, यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद की।
- वे जन सुनवाई करके महिलाओं की समस्याएं तुरंत सुनती और समाधान करती हैं।
- जहां भी जाती हैं, वृद्धाश्रमों का निरीक्षण करती हैं और वहां की सुविधाओं को जांचती हैं।
निष्कर्ष:
ममता कुमारी एक संवेदनशील, संघर्षशील और कर्मठ समाजसेविका हैं, जिन्होंने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी कहानी प्रेरणा देती है कि कैसे एक छोटे से गांव से निकली महिला राष्ट्रीय मंच तक पहुँच सकती है और समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है।