महिलाओं के संघर्ष और पुरुषों के सहयोग को बताया महत्वपूर्ण।
पटना, स्थानीय संपादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा।
1908 में महिलाओं ने अमेरिका में अपने अधिकारों के लिए संघर्ष शुरू किया था। इस आंदोलन के जरिए उन्होंने कई मांगें रखी थीं, जिनमें से एक थी वोट देने का अधिकार। समय के साथ यह संघर्ष बड़ा और ताकतवर होता गया, जिसके बाद 1977 में 8 मार्च को महिलाओं को उनका अधिकार मिला और तभी से इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। ये बातें ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहीं।
श्रीमती रंजन जीकेसी द्वारा आयोजित महिला दिवस सह सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज भी हम बराबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि पुरुषों ने भी हमारा कम साथ नहीं दिया। महिलाओं की उपलब्धियों में कहीं न कहीं पुरुषों का सहयोग होता ही है—कभी पिता, कभी भाई, कभी पति और पुत्र के रूप में वे हमारे साथ खड़े रहते हैं और सफलता के सहभागी बनते हैं। इसलिए हमें भी उनका सम्मान करना चाहिए।
भगवान चित्रगुप्त जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
इसके पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पटना स्थित रॉयल गार्डेन में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस द्वारा भव्य आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत भगवान चित्रगुप्त जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। औपचारिक उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही संगठन की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
“पुरुषों का भी सम्मान करें, हमें भी सम्मान मिलेगा” – डॉ. नम्रता आनंद
इस अवसर पर ग्लोबल उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ने कहा कि महिलाओं को सम्मान देना पुरुषार्थ का ही एक हिस्सा है। कोई भी पुरुष महिला के बिना अधूरा माना जाता है, इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि परिवार और समाज में महिलाओं को सम्मान दें और उन्हें प्रोत्साहित करें।
जीकेसी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नम्रता आनंद ने कहा, “हम महिलाएं पुरुषों का सम्मान करती हैं और बस यही चाहती हैं कि पुरुष भी हमें सम्मान दें। खुशी की बात यह है कि परिस्थितियां धीरे-धीरे हमारे पक्ष में बदल रही हैं।”
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी शाम, 30 महिलाओं को सम्मान
इसके बाद सुप्रसिद्ध गायिका रूपाली दास टुम्पा के गायन से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। डाली सिन्हा, निशा परासर, डॉ. नम्रता आनंद, शबनम कुमारी, डॉ. भवानी शारदेय सहित कई कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।
महिला दिवस के अवसर पर 30 विशिष्ट महिलाओं को उनके योगदान के लिए “जीकेसी नारी सशक्तीकरण सम्मान” से सम्मानित किया गया।
गणमान्य लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मुकेश महान, प्रदेश महासचिव संजय कुमार सिन्हा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निलेश रंजन, विजय लक्ष्मी, रंजना कुमारी, रचना कुमारी, राकेश मणि, नेहा मणि, राहुल मणि, नूतन बक्षी, सोनाक्षी प्रिया, कामिनी कुमारी, दुर्गेश सिन्हा, अभिषेक श्रीवास्तव, मोहन कुमार, अनिता कुमारी, रणधीर वर्मा, रविशंकर प्रसाद सिन्हा, शिखा स्वरूप, कानन लक्ष्मी, हर्षवर्धन प्रियदर्शी, दिवाकर वर्मा, निहारिका अखौरी, प्रसून कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।