रक्सौल |अनिल कुमार|
गोष्ठी का आयोजन और शुभारंभ
भारत विकास परिषद (भाविप) की रक्सौल शाखा द्वारा शनिवार को लोकमाता पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी। यह कार्यक्रम परिषद के कौड़ीहार चौक स्थित कार्यालय में संपन्न हुआ। इसकी अध्यक्षता शाखा संरक्षक अवधेश सिंह ने की।
गोष्ठी की शुरुआत दीप जलाकर और “वंदे मातरम्” गान के साथ हुई। इसके बाद भारत माता और अहिल्याबाई होलकर की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
अहिल्याबाई के जीवन और कार्यों पर प्रकाश
अध्यक्ष अवधेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अहिल्याबाई होलकर विश्व की महानतम महिलाओं में से एक थीं। वे सिर्फ मालवा की सफल शासिका नहीं थीं, बल्कि समाज सुधार और धार्मिक चेतना फैलाने में भी उनका योगदान अनुकरणीय रहा।
धार्मिक और सामाजिक योगदान
परिषद के सचिव डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह, मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी और उपाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि अहिल्याबाई शिवभक्त थीं। वे अपने सिंहासन पर भी शिवलिंग की स्थापना करके शासन करती थीं।
उन्होंने बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम और काशी से सोमनाथ तक कई मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। इससे उन्होंने सनातन संस्कृति को फिर से जीवित किया।
जनकल्याण में अग्रणी रहीं
गोष्ठी में बताया गया कि अहिल्याबाई ने न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, साधु-संतों और सैनिकों का भी पूरा ध्यान रखा। उन्होंने अन्न क्षेत्र और घाटों का निर्माण कर लोगों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर डॉ. बी.एस. दास, विजय कुमार साह, योगेन्द्र प्रसाद, सुरेश धानोठिया, बिमल सर्राफ, देवेंद्र सिंह, राम एकबाल प्रसाद, सौरभ कुमार, विजय कुमार सिंह सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की जानकारी परिषद के मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने दी।
(फोटो विवरण – भारत विकास परिषद ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया)