spot_img
Saturday, July 19, 2025
Home'चम्बल का शौर्य' – वीरों की गाथा को जीवंत करती पवन सक्सेना...

‘चम्बल का शौर्य’ – वीरों की गाथा को जीवंत करती पवन सक्सेना की कृति

-

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में चम्बल घाटी के अनसुने नायकों का योगदान उजागर

पटना से स्थानीय संपादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा। पवन सक्सेना द्वारा लिखित पुस्तक ‘चम्बल का शौर्य’ चम्बल घाटी के उन गुमनाम वीरों की शौर्यगाथा को उजागर करती है, जिनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य रहा है।

यह पुस्तक न केवल चम्बल के ऐतिहासिक पराक्रम को सामने लाती है, बल्कि उन नायकों को भी सम्मान देती है, जिनके साहस की कहानियां अब तक अज्ञात रही हैं।

चम्बल: केवल बागियों की भूमि नहीं, क्रांतिकारियों की शरणस्थली भी-

अक्सर चम्बल घाटी का नाम आते ही लोगों के मन में डाकू, बंदूकें और बीहड़ की छवि उभरती है, लेकिन लेखक पवन सक्सेना ने अपनी इस कृति में इसे एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि चम्बल के बागियों ने न केवल अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों को शरण, हथियार और समर्थन भी दिया।

पवन सक्सेना: बहुआयामी व्यक्तित्व-

पवन सक्सेना एक कुशल लेखक, संपादक और पटकथा लेखक हैं। उन्होंने ‘सावधान इंडिया’, ‘क्राइम पेट्रोल’, ‘डांसिंग स्टार’ जैसे कई लोकप्रिय टीवी शो और धारावाहिकों का लेखन किया है। वह ‘फिल्म टुडे’ और ‘आई ओपनर’ पत्रिकाओं के संपादक भी रह चुके हैं।

उनका लेखन केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने पंडित जसराज, हरि प्रसाद चौरसिया, सितारा देवी, तीजन बाई जैसी महान विभूतियों पर भी लिखा है। अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहते हुए उन्होंने ‘वॉइस ऑफ कॉमन मैन’ नामक सामाजिक संगठन की भी स्थापना की।

सम्मान और उपलब्धियां-

पवन सक्सेना को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय शिविर, आकाशवाणी, दूरदर्शन सहित कई प्रतिष्ठित संस्थाओं से सम्मान मिल चुका है। उन्हें नाट्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए बीकेसी, इस्कॉन मुंबई द्वारा ‘राधाकृष्ण उत्सव 2008’ में सम्मानित किया गया

उनकी पुस्तक ‘चम्बल का शौर्य’ को भी कई सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें प्रमुख हैं:

  • 2018: साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा ‘अखिल भारतीय नरेश मेहता पुरस्कार’
  • 2022: हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए ‘महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान’
  • 2024: ‘धड़क सम्मान’ – कामगार यूनियन, गोरेगांव, मुंबई द्वारा

‘चम्बल का शौर्य’ विश्व पटल पर-

भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित 2025 के विश्व पुस्तक मेले में वनिका पब्लिकेशन द्वारा ‘चम्बल का शौर्य’ को प्रदर्शित किया गया, जिससे यह कृति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में आ गई।

वर्तमान में भी पवन सक्सेना साहित्य एवं सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सक्रिय हैं। जल्द ही उनकी नई वेब सीरीज और कुछ गंभीर मुद्दों पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित होने वाली हैं।

Related articles

Bihar

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts