नई दिल्ली से आनंद कुमार।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत देश के सभी राज्यों में पात्र व्यक्तियों को लाभ देने के लिए कानून लाने पर विचार कर सकती है।
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि इस योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को पहचान, प्रशिक्षण, टूलकिट, सस्ती दर पर ऋण और विपणन सहायता प्रदान करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड दिया जाता है।
- 5-7 दिनों के बुनियादी और 15 दिनों के उन्नत कौशल प्रशिक्षण के साथ ₹500 प्रतिदिन वजीफा।
- टूलकिट के लिए ₹15,000 तक की सहायता।
- बिना किसी गिरवी के ₹3 लाख तक का रियायती ऋण।
- डिजिटल भुगतान पर प्रोत्साहन राशि और विपणन सहायता।
यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों के लिए है, जिनमें बढ़ई, लोहार, कुम्हार, दर्जी, टोकरी बनाने वाले, मोची, सुनार आदि शामिल हैं।
अधिक जानकारी के लिए pmvishwakarma.gov.in वेबसाइट या 1800-267-7777 हेल्पलाइन पर संपर्क किया जा सकता है।
Central Government Considering Legal Framework for PM Vishwakarma Scheme: Jitan Ram Manjhi
क्या है विश्वकर्मा येजना-
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: कारीगरों और शिल्पकारों के लिए विशेष योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को “पीएम विश्वकर्मा योजना” की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी सहायता देना है।
किन्हें मिलेगा लाभ?
इस योजना में 18 तरह के कारीगर और शिल्पकार शामिल हैं, जैसे:
- बढ़ई (सुथार), नाव बनाने वाले, लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार
- ताला बनाने वाले, मोची, राजमिस्त्री, दर्जी, धोबी, नाई
- झाड़ू, टोकरी, चटाई, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
- माला बनाने वाले, मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले आदि
क्या-क्या मिलेगा?
- मान्यता – कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड मिलेगा।
- प्रशिक्षण – 5-7 दिन का बुनियादी और 15 दिन का उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही, 500 रुपये प्रतिदिन की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
- टूलकिट प्रोत्साहन – काम के लिए औजार खरीदने के लिए 15,000 रुपये ई-वाउचर मिलेगा।
- ब्याज रहित लोन –
- पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा।
- दूसरा ऋण 2 लाख रुपये तक का होगा।
- दोनों पर केवल 5% ब्याज देना होगा।
- डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन – डिजिटल भुगतान करने पर प्रत्येक लेनदेन पर 1 रुपये मिलेगा (अधिकतम 100 रुपये मासिक)।
- विपणन सहायता – कारीगरों को ऑनलाइन बिक्री (जैसे GeM पोर्टल) और ब्रांडिंग में मदद मिलेगी।
कैसे करें आवेदन?
- पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए नामांकन किया जाएगा।
- आधार कार्ड और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ग्राम पंचायत, जिला समिति और स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा सत्यापन होगा।
यह योजना कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करेगी।