रक्सौल। अनिल कुमार।
स्थानीय हजारीमल हाइ स्कूल परिसर में रविवार को बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ (ऐक्टू) रक्सौल इकाई की ओर से नगर परिषद के सफाई कर्मियों, चालकों और मजदूरों की एक अहम बैठक आयोजित की गयी।
इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सचिव सह महासंघ अध्यक्ष कामरेड आर.एन. ठाकुर ने की, जबकि संचालन महासचिव चंद्रशेखर कुमार ने किया। बैठक में नगर परिषद के बड़ी संख्या में सफाई कर्मी उपस्थित रहे।
सरकार की उदासीनता पर जताई नाराज़गी-
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ (ऐक्टू) सफाई कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर काफी समय से संघर्षरत है, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं —
• सेवाओं का नियमितीकरण
• समान कार्य के लिए समान वेतन
• दैनिक मजदूरी में वृद्धि
• आउटसोर्स कर्मियों की सेवा आयु 60 वर्ष तक तय करना
• व्यक्तिगत संचिका और सेवा अभिलेख बनाना
• एसीपी का लाभ देना
• कार्य के दौरान मृत्यु पर आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी
• 10 लाख मुआवजा और आश्रितों को आजीवन पेंशन
अन्य संविदा कर्मियों को लाभ, सफाई मजदूरों को नजरअंदाज-
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने रसोइया, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका जैसी श्रेणियों के कर्मियों के लिए मानदेय और प्रोत्साहन भत्ता बढ़ाया है, लेकिन नगर निकायों में कार्यरत सफाई मजदूरों को इससे वंचित रखा गया है।
इसे उन्होंने अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और भेदभावपूर्ण रवैया बताया।
दलित-महादलित कर्मियों के शोषण का मुद्दा उठाया-
राज्य कार्यकारिणी सदस्य श्याम बाबू कुमार ने कहा कि सरकार दलित-महादलितों के उत्थान की बातें करती है, जबकि नगर निकायों में कार्यरत 90 प्रतिशत दलित-महादलित सफाई कर्मियों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह सरकार की कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाता है।
Motihari | Raxaul | Sanitation workers accused the government of step-motherly treatment, warning of a strike from October 18.