Motihari |Raxaul| अनिल कुमार|
शारदीय नवरात्र परंपरा के तहत अनुष्ठान–
भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र स्थित रक्सौल के ऐतिहासिक काली मंदिर में शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर 501 कलश की स्थापना की गई है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसके अंतर्गत तांत्रिक विधि से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है।
मां दुर्गा के नौ दिनों तक विशेष पूजा–
मंदिर के पीठाधीश्वर सेवक संजय नाथ ने बताया –
“नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के दौरान प्रत्येक दिन सुबह और शाम भस्म आरती आयोजित की जाती है। इस खास अनुष्ठान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। मान्यता है कि यहां पूरे आस्था भाव से की गयी पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”
देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालु–
इस वर्ष भारत और नेपाल के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों से भी भक्त मंदिर में आकर कलश स्थापना कर रहे हैं। नवरात्र के दौरान मंदिर परिसर धार्मिक अनुष्ठानों से सराबोर है और वातावरण भक्ति से परिपूर्ण हो उठा है।
महासप्तमी पर विशेष आयोजन–
सेवक संजय नाथ ने जानकारी दी कि महा सप्तमी के दिन मां दस मुखी काली का महा स्नान और महा आरती का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही काल भैरव की भी विशेष पूजा संपन्न की जाएगी।
श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर व्यवस्थाएं मजबूत–
श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति ने विशेष सुरक्षा और व्यवस्थाओं की तैयारी की है। भक्तों में उत्साह का माहौल चरम पर है और पूरा मंदिर परिसर श्रद्धा व भक्ति के रंग में डूबा हुआ नजर आ रहा है।
Motihari | Raxaul| 501 Kalash Installed at Famous Kali Temple, Durga Worship Performed with Tantric Rituals












