पटना से स्थानीय संपादक जितेंद्र कुमार सिन्हा।
फारबिसगंज (बिहार) निवासी मुन्नी देवी को उनका बेटा सुमित कुमार राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक संस्था की पहल से वापस मिला। सुमित को नशा मुक्ति केंद्र, अररिया से मुक्त कराकर उनकी मां को सौंपा गया। यह जानकारी राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने दी।
अरविंद कुमार ने बताया कि मुन्नी देवी, पति स्व. अशोक राय, निवासी सुल्तान पोखर, वार्ड संख्या-03, फारबिसगंज, ने शुक्रवार को संस्था के बिहार प्रदेश अध्यक्ष युवराज कुमार शर्मा से अररिया कार्यालय में मिलकर मदद की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि उनका बेटा सुमित पांच महीने पहले नशा मुक्ति फाउंडेशन, अररिया द्वारा ले जाया गया था, और तमाम कोशिशों के बावजूद वह उसे छुड़ा नहीं सकीं।
मुन्नी देवी ने आवेदन में लिखा कि वह दूसरों के घर में चौका-बर्तन का काम करके अपना और बेटे का पालन-पोषण करती हैं। पति के निधन के बाद उनके लिए यह स्थिति और कठिन हो गई। उन्होंने संस्था से बेटे को मुक्त कराने की अपील की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश सिंह, महासचिव अजीत चक्रवर्ती, और अररिया जिला अध्यक्ष भूषण कुमार सिंह के साथ तुरंत कार्रवाई की। नशा मुक्ति केंद्र में बातचीत के दौरान वहां के अधिकारी अविनाश कुमार ने मामले को समझा और पूरा सहयोग किया।
23 नवंबर को मुन्नी देवी को उनका बेटा सुमित सुरक्षित सौंप दिया गया। इस कार्य के लिए संस्था ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष युवराज कुमार शर्मा और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया।