जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 25 मई ::
बिहार में कलवार समाज को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मॉंग करते हुए कहा है कि कलवार समाज को बनिया वर्ग में जोड़ना त्रुटिपूर्ण है।
इस मॉंग को लेकर कलवार समाज ने पटना के गर्दनीबाग में एक दिवसीय राज्य स्तरीय महाधरना आयोजित किया। महाधरना का अध्यक्षता संगठन के संरक्षक डॉ पीके चौधरी ने किया।
बंगाल सरकार की तर्ज पर सूचीबद्ध करने की मॉंग-
धरना को संबोधित करते हुए डॉ पीके चौधरी ने कहा कि जिस तरह बंगाल सरकार ने कलवार समाज को अति पिछड़ा वर्ग में सूचीबद्ध किया है, उसी तरह बिहार सरकार भी अति पिछड़ा वर्ग में सूचीबद्ध करते हुए जाति जनगणना में अलग से कोड निर्धारित करें।
उन्होंने कहा कि इसके लिए हम लोग सरकार से आग्रह करते हैं की 3 महीने के भीतर आयोग द्वारा सर्वे करा कर इस समाज के सर्वांगिक विकास के लिए अति पिछड़ा वर्ग में सूचीबद्ध करें।
डॉ पी के चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा सभी जातियों की गणना कर अलग-अलग कोड देकर अलग जाति के रूप में उसकी पहचान दे दी गई है जबकि कलवार समाज की गणना जाति के रूप में नहीं कर बनिया श्रेणी के अंतर्गत कर दिया गया है जो की त्रुटिपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि कलवार समाज की भावना अपनी जातिगत पहचान के साथ जुड़ी हुई है जिससे समाज का सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास हो।
सरकार का उद्देश्य है सभी वर्गों के उत्थान, विकास हेतु योजना बनाने का है। यदि सरकार इन सभी मांगों को पूरा नहीं करती है तो कलबार समाज इसके लिए पूरे बिहार में चरणबद्ध रूप से आंदोलन करेगा।
आज के महाधरना का संचालन राकेश कुमार, सौरभ भगत और सुनील कुमार ने किया। कार्यक्रम मैं कार्यक्रम के अध्यक्ष पीके चौधरी, जायसवाल क्लब के अध्यक्ष राजीव रंजन अधिवक्ता, जायसवाल क्लब के कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, संयोजक सीमा गुप्ता, अर्जुन चौधरी, कलवार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश भगत मंचाधीन थे।
महाधरना में अपने विचार रखने वालों में संजय जयसवाल, अशोक चौधरी, राजा बाबू, अशोक राज, राधेश्याम प्रसाद, धनंजय सचदेवा, रतन चौधरी, मुन्ना जायसवाल, राज गौरव टाइगर, सदाशिव जायसवाल, रामनाथ जायसवाल, अशोक प्रसाद, आलोक प्रसाद, संजीव कुमार ,सुभाष कुमार , निराला, जय कृष्ण भगत, विशाल कुमार गप्पू, राकेश आर्य एवं अन्य लोग शामिल थे।
Patna | “It is a mistake to classify the Kalwar community under the Baniya category without assigning a separate caste code,” Demand to include them in the Extremely Backward Class