spot_img
Monday, June 30, 2025
spot_img
Homeलक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा- धन, विद्या व शक्ति की, तो अंतिम...

लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा- धन, विद्या व शक्ति की, तो अंतिम सच्चाई और वैराग्य की देवी – धूमावती

-

लेखक: जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना

1. धूमावती कौन हैं?

भारत की आध्यात्मिक परंपरा में दस महाविद्याओं में से एक हैं धूमावती। ये देवी आम देवी-देवताओं की तरह सुंदर या आकर्षक नहीं हैं। इनका रूप बहुत भिन्न है – ये एक वृद्धा और विधवा की तरह दिखती हैं। धूमावती हमें जीवन की वे सच्चाइयाँ याद दिलाती हैं, जिन्हें हम अक्सर देखना नहीं चाहते, जैसे अकेलापन, दुःख और मृत्यु।

लेखक, जितेंद्र कुमार सिन्हा सूचना व जनसंपर्क के अवकाश प्राप्त पदाधिकारी हैं।

2. धूमावती का स्वरूप

धूमावती का रूप भी उनके संदेश की तरह ही विचित्र है। वे वृद्धा हैं, उनके कपड़े मैले हैं, शरीर पर कोई गहना नहीं है। उनके दाँत नहीं हैं, बाल बिखरे हुए और सफेद हैं। वे हाथ में झाड़ू या झंडा लिए, एक ऐसे रथ पर सवार हैं, जिसमें घोड़ा भी नहीं है। यह सब जीवन की अस्थिरता और माया-मोह से मुक्ति का संकेत है।

3. धूमावती की कहानी

पुराने समय की कथा के अनुसार, एक बार सती ने भगवान शिव से भोजन माँगा, लेकिन शिव ने मना कर दिया। इससे नाराज होकर सती ने शिव को ही निगल लिया। बाद में उन्होंने शिव को बाहर निकाल दिया, लेकिन उसके बाद वे एक विधवा की तरह हो गयीं। इसी रूप को धूमावती कहा जाता है।
ये कहानी हमें बताती है कि जब इच्छाएँ बहुत बड़ी हो जाती हैं, तो हम खुद को ही नुकसान पहुँचा देते हैं। यही धूमावती का संदेश है।

4. धूमावती का प्रतीकात्मक अर्थ

धूमावती का विधवा रूप सिर्फ स्त्री की स्थिति नहीं, बल्कि अधूरेपन, टूटेपन और अकेलेपन का प्रतीक है। उनके मैले कपड़े बताते हैं कि सांसारिक चीजें अस्थायी हैं। बिना गहनों का शरीर दिखाता है कि बाहरी सुंदरता और दिखावा व्यर्थ है। बिना दाँत के मुँह का मतलब है – अब भोग नहीं, सिर्फ आत्मज्ञान चाहिए।

5. धूमावती की पूजा

धूमावती की पूजा सामान्य नहीं है। यह बहुत कठिन तांत्रिक साधना है, जो केवल वही कर सकता है, जो संसार के सुख-दुःख से ऊपर उठ चुका हो। इनकी पूजा में रात के समय, शव-साधना, चंद्रग्रहण और अमावस्या की रात का विशेष महत्व है। इन्हें सरसों का तेल, काले तिल, सूखे फूल और भस्म चढ़ाई जाती है।

6. धूमावती का महत्व

आमतौर पर लोग लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा जैसी देवियों की पूजा करते हैं, जो सुंदरता, धन और शांति देती हैं। लेकिन धूमावती इन सबसे अलग हैं। वे अकेलेपन, गरीबी, बुढ़ापे और मृत्यु की देवी हैं। वे उन लोगों को आकर्षित करती हैं, जो जीवन के अंतिम सत्य को जानना चाहते हैं और मोक्ष चाहते हैं।

7. धूमावती का संदेश

धूमावती हमें बताती हैं कि डरावना वही है, जिसे हम जानना नहीं चाहते। जब हम उस सच को स्वीकार कर लेते हैं, तो डर ज्ञान बन जाता है। आज के समय में जब लोग बाहरी सुंदरता और भौतिकवाद के पीछे भाग रहे हैं, धूमावती का संदेश बहुत जरूरी है। वे कहती हैं – सुंदरता और संपत्ति क्षणभंगुर हैं, सत्य और आत्मज्ञान शाश्वत हैं। अकेलापन दुख नहीं, बल्कि खुद को जानने का मौका है।

8. धूमावती के मंदिर और ग्रंथ

धूमावती के मंदिर बहुत कम हैं। वाराणसी में इनका एक प्रमुख मंदिर है। इनकी पूजा गुप्त तांत्रिक केंद्रों में होती है, जो आम लोगों की नजर से दूर होते हैं। इनका वर्णन ‘शक्ति संहिता’, ‘तंत्रचूड़ामणि’, ‘महानिर्वाण तंत्र’ और ‘शक्ति संगम तंत्र’ जैसे ग्रंथों में मिलता है।

9. धूमावती के मंत्र

धूमावती के मुख्य मंत्र हैं:

  • “धूं धूं धूमावत्यै स्वाहा।”
  • “ॐ श्रीं धूं धूं धूमावत्यै नमः।”

इन मंत्रों को सिर्फ योग्य गुरु से दीक्षा लेकर ही जपना चाहिए।

10. दस महाविद्याओं में धूमावती का स्थान

दस महाविद्याएँ देवी के दस रहस्यमयी रूप हैं। जहाँ काली, तारा, भुवनेश्वरी शक्ति के विभिन्न रूप हैं, वहीं धूमावती अकेली ऐसी महाविद्या हैं, जो अकेलेपन, बुढ़ापे और मृत्यु की देवी हैं। धूमावती तांत्रिक साधना की पराकाष्ठा मानी जाती हैं।

11. निष्कर्ष

धूमावती को देखकर डरना स्वाभाविक है, लेकिन वे हमारे भीतर के उस रूप को दिखाती हैं, जिसे हम छुपाते हैं – अकेलापन, असुंदरता, विफलता, अंत और मृत्यु। वे कहती हैं कि जीवन हमेशा उत्सव नहीं होता, मृत्यु अंत नहीं, बल्कि बोध की शुरुआत है। सत्य हमेशा सुंदर नहीं होता, लेकिन सत्य ही मुक्ति का द्वार है।

धूमावती बाहरी सुंदरता नहीं, आंतरिक ज्ञान की देवी हैं। वे त्याग, वैराग्य और मुक्ति की रहस्यमयी देवी हैं। जो लोग जीवन की सतही चीजों से ऊब चुके हैं, आत्मा को जानना चाहते हैं, उनके लिए धूमावती की साधना अंतिम सीढ़ी हो सकती है।
धूमावती भय या अशुभ नहीं हैं – वे अंधकार में जन्म लेने वाला प्रकाश हैं।

Related articles

Bihar

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts