प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत को विश्व का सबसे विविधता भरा देश माना जाता है और उसमें भी उत्तर-पूर्वी भारत सबसे ज़्यादा विविधता वाला क्षेत्र है।
यह दो दिवसीय समिट खासतौर पर इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गयी है। इसमें मंत्रियों के सेशन, बिजनेस-टु-गवर्नमेंट (B2G) और बिजनेस-टु-बिजनेस (B2B) मीटिंग्स आयोजित होंगी। इसका उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को एक ही मंच पर लाकर पूर्वोत्तर राज्यों में विकास को गति देना है।

समिट के जरिए पर्यटन, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने की योजना है। आंकड़ों के अनुसार, साल 2023-24 में पूर्वोत्तर राज्यों की जीडीपी 9.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची। यह ग्रोथ 2014-15 से 2021-22 के बीच 10.8% की दर से हुई, जबकि इसी अवधि में देश की औसत जीडीपी ग्रोथ 8.1% रही।
1. आतंकवाद और अशांति पर सरकार का सख्त रवैया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद और माओवाद जैसी समस्याओं पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाती है। यानी ऐसे मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाता।
2. नॉर्थ ईस्ट भारत के विकास की कुंजी
दिल्ली में ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर-पूर्व भारत का विकास, देश के समग्र विकास के लिए जरूरी है।

3. नॉर्थ ईस्ट बन रहा है अवसरों की भूमि
प्रधानमंत्री ने निवेशकों से कहा कि वे नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के अवसर तलाशें। उन्होंने बताया कि ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और इको-टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में नॉर्थ ईस्ट अब तेजी से उभर रहा है।
4. ‘EAST’ का मतलब समझाया
पीएम मोदी ने कहा कि EAST का मतलब है –
- Empower (सशक्तीकरण),
- Act (कार्य),
- Strengthen (मजबूती),
- Transform (परिवर्तन)।
उन्होंने कहा कि पहले नॉर्थ ईस्ट को सिर्फ सीमा क्षेत्र (फ्रंटियर रीजन) कहा जाता था, लेकिन अब यह विकास का अगुवा (फ्रंट रनर) बन रहा है।

5. पर्यटन और सांस्कृतिक विविधता का केंद्र
प्रधानमंत्री ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट पर्यटन, बायो-इकोनॉमी, बांस उद्योग, चाय उत्पादन, खेल, और कौशल विकास का मजबूत केंद्र बन रहा है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम, शादियां और सम्मेलनों की भरपूर संभावनाएं हैं।
6. कनेक्टिविटी पर बड़ा निवेश
पीएम मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में नॉर्थ ईस्ट में 11,000 किलोमीटर हाइवे बने हैं, रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं, एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी हुई है, और जलमार्गों का भी विकास हुआ है।
- अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल और
- असम में भूपेन हजारिका ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट्स का उदाहरण दिया गया।
- 1600 किलोमीटर लंबी ‘नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड’ से उद्योगों को अब ऊर्जा की स्थायी आपूर्ति मिल रही है।
7. उद्योग जगत का भरोसा और उत्साह
प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह समिट उत्तर-पूर्व में निवेश का उत्सव है। उन्होंने राज्य सरकारों और मंत्रालयों की सराहना की, जिन्होंने निवेश के लिए अच्छा माहौल बनाया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान:
उत्तर-पूर्व विकास मंत्रालय के मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सुधारने पर जोर दिया है।
- आज उत्तर-पूर्व में 17 एयरपोर्ट हैं और 2000 से अधिक फ्लाइट्स यहां आती-जाती हैं।
- उन्होंने कहा कि अब यह क्षेत्र दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए इंटरनेशनल कॉरिडोर बन सकता है।
- उन्होंने निवेशकों से अपील की:
“Make in India, Make in Northeast, Make for the World“
दो दिन का समिट: उद्देश्य और फोकस
यह समिट दो दिनों तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य है – नॉर्थ ईस्ट को निवेश का केंद्र बनाना।
प्रमुख सेक्टर जहां निवेश को बढ़ावा मिलेगा:
- पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी
- कृषि और फूड प्रोसेसिंग
- टेक्सटाइल, हथकरघा और हस्तशिल्प
- स्वास्थ्य, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट
- आईटी और सर्विस सेक्टर
- इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा
- खेल और मनोरंजन
यह समिट नीति-निर्माताओं, निवेशकों और कारोबारियों को एक ही मंच पर लाने का प्रयास है।
At the North East Investors Summit, PM Modi said – “EAST stands for Empowerment, Action, Strength, and Transformation. Photos-PIB