केन्द्र सरकार की दूरदर्शी प्रोजेक्ट PM- WANI योजना है , जिसका उद्देश्य देश में किफायती और तेज इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत छोटे व्यवसायी या व्यक्तिगत उद्यमी इंटरनेट सेवाएं प्रदाता बनने के लिए सरकारी सहयोग लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
क्या है? PDOs ( public Data Office)?
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने पीएम-वाणी योजना के तहत सार्वजनिक डेटा ऑफिस (PDO) के लिए ब्रॉडबैंड टैरिफ के तर्कसंगतिकरण पर नया प्रस्ताव पेश किया है। इसके तहत छोटे दुकानदार, व्यवसायी या कोई भी इच्छुक व्यक्ति इंटरनेट सेवा प्रदाता बन सकता है।

इस प्रस्ताव से गाँव-गाँव व दूरस्थ इलाक़ों में इंटरनेट सेवा की पहुँच हो जाएगी। जिससे ब्रॉडबैंड टैरिफ़ सस्ता हो जाएगा।
इस ड्राफ्ट आदेश में ब्रॉडबैंड सेवाओं की कीमतों को सस्ता और पारदर्शी बनाने का सुझाव दिया गया है।
PDOs का काम क्या होगा?
PDOs छोटे स्तर पर वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करेंगे और अपने इलाके में आम लोगों को सस्ती दरों पर इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगे। ये दुकानदार या व्यवसायी टेलीकॉम ऑपरेटरों या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) से इंटरनेट खरीदेंगे और उसे सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराएंगे।
PDOs को शुरू करने का फायदा
- कम लागत में शुरुआत: PDO बनाने के लिए महंगे लाइसेंस या जटिल प्रक्रियाओं की जरूरत नहीं है।
- अतिरिक्त आय का साधन: छोटे दुकानदार अपनी दुकान के साथ-साथ इंटरनेट सेवा प्रदान करके अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं।
- डिजिटल कनेक्टिविटी: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच आसान और सस्ती हो जाएगी।
- सरकार का समर्थन: PDOs को सरकार से तकनीकी और नीतिगत समर्थन मिलेगा।
सरकार का लक्ष्य
- 2030 तक 50 मिलियन वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना।
- डिजिटल इंडिया अभियान को बढ़ावा देना और हर वर्ग तक इंटरनेट पहुंचाना।
PDOs की भूमिका
सरकार चाहती है कि देश के हर इलाके में छोटे दुकानदार जैसे जनरल स्टोर, चाय की दुकान, साइबर कैफे आदि डिजिटल कनेक्टिविटी का केंद्र बनें। इससे आम लोगों को उनके आसपास ही किफायती और भरोसेमंद इंटरनेट सेवाएं मिल सकेंगी।
सारांश:
PDOs के जरिए सरकार आम दुकानदारों को डिजिटल युग का हिस्सा बना रही है, जिससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी बल्कि देश का डिजिटल नेटवर्क भी मजबूत होगा।