Motihari| निखिल विजय कुमार सिंह|
मोतिहारी नगर थानाध्यक्ष राजीव रंजन ने मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए समाज के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। शरण नर्सिंग होम के बाहर ब्लड कैंसर से पीड़ित मासूम बच्ची को गोद में लिए रोती हुई नेपाली महिला की मदद कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी ही नहीं निभाती, बल्कि जरूरतमंदों की सहारा भी बनती है।
गश्त के दौरान दिखा मार्मिक दृश्य–
जानकारी के अनुसार, नगर थानाध्यक्ष राजीव रंजन गश्त पर थे। इसी क्रम में उनकी नजर शरण नर्सिंग होम के पास सड़क किनारे बैठी एक महिला पर पड़ी, जो अपनी बच्ची को गोद में लिए फूट-फूटकर रो रही थी। महिला की स्थिति देखकर थानाध्यक्ष स्वयं उसके पास पहुंचे और बातचीत शुरू की।
इलाज और भोजन के अभाव में टूटी थी मां–
महिला ने बताया कि उसकी मासूम बच्ची ब्लड कैंसर से पीड़ित है। इलाज के लिए वह नेपाल से मोतिहारी आई थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण न तो इलाज संभव हो पा रहा था और न ही भोजन की कोई व्यवस्था थी। मजबूरी और बेबसी के कारण वह पूरी तरह टूट चुकी थी।
तत्काल सहायता और मानवीय पहल–
महिला की आपबीती सुनकर नगर थानाध्यक्ष भावुक हो उठे। उन्होंने बिना देर किए महिला और बच्ची को अपनी गाड़ी में बैठाया और सबसे पहले उन्हें भोजन कराया। इसके बाद अपनी ओर से आर्थिक सहायता दी, ताकि महिला को तत्काल राहत मिल सके।
घर लौटने तक की पूरी व्यवस्था–
इतना ही नहीं, थानाध्यक्ष राजीव रंजन ने महिला को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया और उसके घर लौटने के लिए ट्रेन का टिकट भी उपलब्ध कराया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि महिला और उसकी बच्ची सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें।
लोगों ने की जमकर सराहना–
नगर थानाध्यक्ष के इस मानवीय कदम की जानकारी सामने आने के बाद आमजन ने उनकी जमकर प्रशंसा की। लोगों का कहना है कि राजीव रंजन जैसे अधिकारी समाज में विश्वास और संवेदनशीलता को मजबूत करते हैं। उनकी यह पहल पुलिस की सकारात्मक छवि को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि जरूरतमंद की मदद करना ही सच्ची मानवता है।
Motihari | Town Station House Officer Rajiv Ranjan Lends a Helping Hand to Distraught Nepali Woman with Ailing Child
Humanitarian gesture in Motihari
The Station House Officer (SHO) of Motihari Town has stepped forward to assist a Nepali woman found weeping in the streets while carrying her sick child. The woman, who had traveled from Nepal seeking medical treatment, found herself in a desperate situation due to a lack of resources and navigation challenges in the city.
Police intervention and support
Upon noticing the woman’s distress, the SHO immediately intervened to provide both emotional and financial support. The officer ensured the child received prompt medical attention at a local healthcare facility and coordinated efforts to assist the mother with her immediate needs, earning praise from the local community for this act of kindness beyond the call of duty.












