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Monday, October 13, 2025
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शरद पूर्णिमा उत्सव में सह प्रांत संघचालक ने दिया बौद्धिक संदेश, रामराज्य स्थापना को बताया संघ का लक्ष्य

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रक्सौल।अनिल कुमार।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, रक्सौल नगर द्वारा शरद पूर्णिमा उत्सव का आयोजन बड़े ही श्रद्धा और अनुशासन के साथ रामजानकी मंदिर परिसर में किया गया। इस अवसर पर नगर की विभिन्न शाखाओं से सैकड़ों स्वयंसेवक एकत्रित हुए और पूरे परिसर में उत्साह का माहौल देखने को मिला।


शाखा के नियमित कालांश से हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत शाखा के नियमित कालांश से की गई, जिसमें स्वयंसेवकों ने पहले आसन और व्यायाम किया। इसके बाद उन्होंने विभिन्न खेलों में भाग लेकर शाखा की गतिविधियों को पूर्ण किया। तत्पश्चात सामूहिक सभा का आयोजन हुआ, जिसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।


सह प्रांत संघचालक प्रो. राजकिशोर सिंह ने दिया प्रेरणादायी संदेश

सभा को संबोधित करते हुए उत्तर बिहार प्रांत के सह प्रांत संघचालक प्रोफेसर राजकिशोर सिंह ने कहा कि संघ वर्ष भर में छह प्रमुख उत्सव मनाता है, जिनमें शरद पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। उन्होंने बताया कि संघ ने शून्य से लेकर शताब्दी वर्ष तक का सफर तय किया है और आज यह 80 हजार से अधिक शाखाओं के रूप में 40 से अधिक देशों में सक्रिय है।

उन्होंने कहा कि यह सफलता स्वयंसेवकों के तप, त्याग और अनुशासन का परिणाम है। जिस दिन भारत में रामराज्य की स्थापना होगी, उसी दिन संघ का लक्ष्य पूर्ण होगा। संघ का प्रमुख उद्देश्य हिंदू समाज में जनजागरण और राष्ट्रीय एकता का प्रसार करना है।


शताब्दी वर्ष में होंगे सात विशेष कार्यक्रम

प्रो. सिंह ने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सात विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत प्रत्येक हिंदू परिवार तक संपर्क एवं संवाद अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संघ का संकल्प है कि भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो।


शरद पूर्णिमा का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होता है और पृथ्वी से इसकी दूरी सबसे कम रहती है। इस कारण इसकी शीतलता अधिक प्रभावी होती है। यह भी मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर विचरण करते हैं, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र और शुभ तिथि माना जाता है।


चंद्रमा की चांदनी में हुआ सामूहिक प्रसाद ग्रहण

रात्रि में चंद्रमा की उज्ज्वल चांदनी के बीच सभी स्वयंसेवकों ने एक पंक्ति में बैठकर खीर का प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर किसी प्रकार का भेदभाव या भिन्नता नहीं रखी गई और सभी ने समान भाव से भागीदारी निभाई।


प्रार्थना के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

अंत में सामूहिक प्रार्थना और संघ गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। पूरे आयोजन के दौरान अनुशासन, समर्पण और उत्साह का वातावरण बना रहा।


कार्यक्रम में उपस्थित रहे

इस अवसर पर नगर कार्यवाह भरत चौरसिया, जिला कार्यवाह दुर्गेश कुमार, विकास कुमार, सुबोध कुमार, चैतन्य कुमार, अमरेंद्र पांडेय, नीतीश कुमार, मनोज कुमार, सचिन कुमार, हेमंत कुमार, धीरज, प्रशांत, सूरज, रजनीश प्रियदर्शी, चंद्रकांत तिवारी, कन्हैया सर्राफ सहित अनेक स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

फोटो – शरद पूर्णिमा उत्सव में उमड़े संघ के स्वयंसेवक, सह प्रांत संघचालक ने दिया बौद्धिक संदेश

Motihari | Raxaul| In the Sharad Purnima festival, the Sah Prant Sanghchalak delivered an ‘intellectual address’ (Bauddhik Sandesh), stating the establishment of ‘Ram Rajya’ (Ideal Governance/Rule of Rama) as the goal of the organization (Sangh).

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