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Friday, January 3, 2025
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गांधी मैदान में बिना अनुमति प्रदर्शन: प्रशांत किशोर समेत 21 नामजद, 700 अज्ञात पर FIR दर्ज

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BPSC की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का जोरदार प्रदर्शन, मामूली झड़प के बाद सरकार ने बातचीत का दिया प्रस्ताव

पटना से स्थानीय संपादक जितेंद्र कुमार सिन्हा।
पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के मामले में जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर समेत 21 नामजद और 700 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी गांधी मैदान थाना में पुलिस द्वारा दर्ज की गई है।

क्या है मामला?

बीते रविवार को बड़ी संख्या में बीपीएससी परीक्षार्थियों ने परीक्षा में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए पुनर्परीक्षा कराने की मांग की थी। प्रदर्शनकारियों ने पटना के गांधी मैदान में बिना अनुमति बैठक आयोजित की और फिर प्रशांत किशोर के नेतृत्व में आक्रोश मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मामूली झड़प भी हुई।

पिछले घटनाक्रम पर नजर

बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर कई परीक्षार्थियों ने अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि परीक्षा के प्रश्नपत्रों में गड़बड़ी और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में पारदर्शिता की कमी है। इसके पहले भी परीक्षार्थियों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किए थे।

सरकार का रुख

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि राज्य सरकार बीपीएससी परीक्षार्थियों की समस्याओं को लेकर गंभीर है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आंदोलनरत छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। आज मुख्य सचिव और छात्रों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की संभावना है।

क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए। उनका आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है, जिससे योग्य उम्मीदवारों का भविष्य खतरे में है।

प्रशांत किशोर का बयान

जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि सरकार को छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों की मांगें जायज हैं और राज्य सरकार को बीपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए।

आगे की स्थिति

पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब यह मामला और गंभीर हो गया है। प्रदर्शनकारी सरकार से तत्काल समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, मुख्य सचिव और छात्रों के बीच बातचीत के परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार में परीक्षा प्रक्रिया और प्रशासनिक व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह है कि सरकार और आंदोलनरत छात्रों के बीच बातचीत का क्या परिणाम निकलता है।

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