देश के राष्ट्रीय जलमार्गों (National Waterways) से माल ढुलाई का नया रिकॉर्ड बना है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 145.5 मिलियन टन माल जलमार्गों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा गया। यह जानकारी पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने दी है।
सरकार जलमार्गों को बढ़ावा देने पर लगातार काम कर रही है, क्योंकि इससे माल ढुलाई सस्ती होती है, प्रदूषण कम होता है और सड़क यातायात पर दबाव भी घटता है।
हर साल बढ़ रही है जलमार्गों की उपयोगिता
मंत्रालय के अनुसार, बीते साल (वित्तीय वर्ष 2023-24) की तुलना में इस बार 9.34 प्रतिशत अधिक माल जलमार्गों से भेजा गया। इसके अलावा, बीते कुछ वर्षों में जलमार्गों से माल ढुलाई में 20.86 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।
5 प्रमुख वस्तुएं सबसे ज्यादा भेजी गईं
राष्ट्रीय जलमार्गों से भेजे गए कुल माल में से 68 प्रतिशत से अधिक हिस्सा केवल पांच प्रमुख वस्तुओं का रहा। ये वस्तुएं हैं:
- कोयला (Coal)
- लौह अयस्क (Iron Ore)
- लौह अयस्क की बारीकियां (Iron Ore Fines)
- रेत (Sand)
- फ्लाई ऐश (Fly Ash)
सरकार का फोकस जलमार्गों के विकास पर
सरकार जलमार्गों को बढ़ावा देने पर लगातार काम कर रही है, क्योंकि इससे माल ढुलाई सस्ती होती है, प्रदूषण कम होता है और सड़क यातायात पर दबाव भी घटता है।
जलमार्गों की बढ़ती उपयोगिता देश की परिवहन व्यवस्था में बदलाव का संकेत है।