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Sunday, April 27, 2025
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रक्सौल में एक साथ रेलवे की तीन गुमटियों 33, 34 व 18 पर ओवरब्रिज निर्माण को मंजूरी

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रक्सौल। अनिल कुमार।

रेलवे फाटक/गुमटी संख्या 33, 34 और 18 पर बनने वाले ओवरब्रिज को आखिरकार मंजूरी मिल गयी है। इस खबर से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है, क्योंकि पिछले दो दशकों से फाटक संख्या 33 और 34 पर पुल की मांग हो रही थी। लोगों का मानना है कि यह ओवरब्रिज उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।

व्यस्त फाटक पर ओवरब्रिज से मिलेगा जाम से छुटकारा

खासकर रेलवे गुमटी संख्या 33, जो बेहद व्यस्त फाटक है, वहां आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती थी। ओवरब्रिज की स्वीकृति मिलने के बाद स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि स्थानीय सांसद डॉ. संजय जायसवाल के अथक प्रयास से इन फाटकों पर ओवरब्रिज बनने की मंजूरी मिली है।

रक्सौल विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा। देश वाणी।

फाटक संख्या 33 और 34 का शिलान्यास 21 साल पहले 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था। उस समय भी गुमटी पर ट्रैफिक का दबाव था, लेकिन आज स्थिति और भी विकट हो गई है। रोज़ाना इस रेलवे फाटक पर हजारों वाहनों की लंबी कतार लगती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। ओवरब्रिज बनने से लोगों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी और आवागमन सुगम होगा।

विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि इस पुल का निर्माण रेलवे द्वारा कराया जाएगा।

रेल मंत्री ने दी हरी झंडी

ओवरब्रिज निर्माण को लेकर अंतिम स्वीकृति तब मिली जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हाल ही में बेतिया आए थे। इस दौरान स्थानीय सांसद डॉ. संजय कुमार जायसवाल और विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने उनसे आग्रह किया कि रक्सौल में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शीघ्र कराया जाए। इसके बाद रेल मंत्री ने पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को निर्देश दिया कि इस मामले को प्राथमिकता दी जाए और आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जाएं।

राजनीतिक हलचल भी तेज़

इस स्वीकृति को लेकर राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है। विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि चुनाव से पहले दोनों ओवरब्रिज का शिलान्यास हो जाएगा। वहीं विपक्ष इसे चुनावी वर्ष में एक चुनावी एजेंडा बता रहा है। हालांकि, जनता का मानना है कि यह ओवरब्रिज उनके लिए राहत लेकर आएगा, चाहे इसका निर्माण किसी भी कारण से हो रहा हो।

अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि रेलवे इस योजना को कितनी तेजी से आगे बढ़ाता है और टेंडर प्रक्रिया कब शुरू होती है।

सांसद डॉ. संजय जायसवाल की भूमिका अहम

स्थानीय सांसद डॉ. संजय जायसवाल की भूमिका भी इस परियोजना में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जनता को उम्मीद है कि वे इस परियोजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। अब देखने वाली बात होगी कि वर्षों से लंबित इस परियोजना का निर्माण कार्य कब शुरू होता है और कब तक इसे पूरा किया जाता है।

Approval granted for the construction of overbridges at three railway crossings (33, 34, and 18) in Raxaul.

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