spot_img
Wednesday, July 9, 2025
Homeबिहारमोतिहारीरक्सौल में संत कबीर जयंती पर वक्ताओं ने कहा- उनके विचार व...

रक्सौल में संत कबीर जयंती पर वक्ताओं ने कहा- उनके विचार व संघर्ष आज भी प्रासंगिग

-

रक्सौल। अनिल कुमार।

बुधवार को रक्सौल के कौड़ीहार चौक स्थित सदगुरु कबीर आश्रम में संत कबीर की 627वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गयी। कार्यक्रम का आयोजन अम्बेडकर ज्ञान मंच के तत्वावधान में किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।


कार्यक्रम में अतिथियों की उपस्थिति और विचार-

  • मुख्य अतिथि: केसीटीसी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व वाइस प्रिंसिपल डॉ. (प्रो.) जिछु पासवान
  • विशिष्ट अतिथि: मंच के संस्थापक मुनेश राम, पूर्व एसआई सज्जन पासवान, भाग्य नारायण साह, अनुमंडल अध्यक्ष प्रकाश पासवान, रविंद्र जड़ेजा सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सभी अतिथियों ने संत कबीर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके विचारों और आदर्शों को अपनाने का संकल्प भी लिया गया।


संत कबीर के विचारों पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश-

  • प्रो. जिछु पासवान ने कहा कि संत कबीर एक महान समाज सुधारक थे, जिन्होंने कठिन समय में भी सामाजिक भाईचारे को मजबूत किया।
  • मुनेश राम ने उन्हें क्रांतिकारी विचारक बताते हुए कहा कि उन्होंने आडंबर और पाखंड का विरोध किया और “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” के विचार को आगे बढ़ाया।
  • उन्होंने संत कबीर का प्रसिद्ध दोहा “जाति ना पूछो साधु की, पूछ लीजे ज्ञान” को उद्धृत करते हुए कहा कि समाज में फैली जात-पात और ऊंच-नीच की भावना को मिटाना ही उनका उद्देश्य था।

धर्म के नाम पर हिंसा का विरोध-

वक्ताओं ने यह भी कहा कि धर्म के नाम पर सामाजिक भाईचारे को तोड़ने वाले लोगों को संत कबीर ने हमेशा ललकारा। उन्होंने मानवता को सर्वोपरि बताया और कहा कि ईश्वर कंकर-पत्थर में नहीं, बल्कि मानवता में बसते हैं।


मानवता और साहित्य के प्रतीक संत कबीर-

  • रविंद्र कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ने कहा कि संत कबीर ने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एकाग्रता और साधना का मार्ग दिखाया।
  • उन्होंने संत कबीर को हिंदी साहित्य के महान कवि, समाज सुधारक और युग पुरुष बताया।

इग्नू विभाग में भी मनाई गई जयंती-

खेमचंद-ताराचंद महाविद्यालय के इग्नू विभाग में भी प्रो. जिछु पासवान की अध्यक्षता में संत कबीर जयंती मनाई गई।
यहां भी शिक्षकों ने उनके तैलीय चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित की।


कबीर के विचार आज भी प्रासंगिक-

वक्ताओं ने कहा कि संत कबीर के विचार और संघर्ष आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके समय में थे।
उन्होंने धार्मिक आडंबर और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए मानवता और संवेदना को सर्वोच्च स्थान दिया।


उपस्थित लोग-

इस अवसर पर प्रमुख रूप से
मुनेश राम, रविंद्र कुमार,
इंद्र भूषण (हिन्दी विभागाध्यक्ष),
प्रो. अनिल कुमार,
डॉ. नारद प्रसाद,
प्रो. प्रेम प्रकाश,
सज्जन पासवान,
प्रवीण कुमार,
किशुनदेव सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।


फोटो: सदगुरु कबीर आश्रम में संत कबीर की 627वीं जयंती मनाते हुए उपस्थित जन

Motihari | Raxaul | On 627th Birth Anniversary of Saint Kabir in Raxaul, Speakers Said – His Thoughts and Struggles Are Still Relevant Today.

Related articles

Bihar

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts