मोतिहारी। सुगौली से देश वाणी प्रतिनिधि।
पूर्वी चम्पारण जिले में किसानों के खेतों में गन्ना कटाई की धूम मची हुई है। बैलों की घंटियों और ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट से सुगौली चीनी मिल क्षेत्र गूंज उठा है। किसाने के चेहरे खिल उठे हैं।
पूर्वी चम्पारण में रविवार की ब्रह्म मुहूर्त की बेला में भगवान विश्वकर्मा के जयकारे के साथ एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड की सुगौली इकाई में गन्ना पेराई सत्र 2024-25 का शुभारंभ हो गया है।
150 दिनों में करीब 50 लाख क्विंटल पेराई का अनुमान-
इस वर्ष पेराई की अवधि 150 दिन होने का अनुमान है। मतलब, इस सत्र में करीब 5 महीने तक मिल गुलजार रहेगी। इस वर्ष लगभग 50 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है, जो लगभग 150 दिनों में पूरा किया जाएगा।
किसानों द्वारा अगेती प्रजाति के खूंटी गन्ने की कटाई कर मिल में आपूर्ति की जा रही है।
एकमात्र कार्यरत चीनी मिल बनी किसानों का सहारा-
एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड की सुगौली इकाई पूर्वी चम्पारण जिले की इकलौती कार्यरत चीनी मिल है, जो 2011 से निरंतर चल रही है। यह मिल हजारों किसान परिवार, कृषि मजदूर एवं कर्मचारियों के आय का मुख्य स्रोत बन चुकी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के साथ-साथ यह राष्ट्रीय आय में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
पेराई सत्र की अवधि में बढ़ोतरी, 150 दिन करने का अनुमान –
सत्र 2020-21 में यह कारखाना 65 दिन चला, जो 2021-22 में 81 दिन और 2022-23 में 110 दिन तक चला। पिछले सत्र 2023-24 में यह अवधि 132 दिन की रही, जबकि इस वर्ष इसे बढ़ाकर 150 दिन करने का अनुमान है।
गन्ना पेराई की मात्रा में वृद्धि-
गन्ना पेराई की बात करें तो, 2020-21 में 19 लाख क्विंटल, 2021-22 में 23 लाख क्विंटल, 2022-23 में 40 लाख क्विंटल और पिछले वर्ष 2023-24 में 41 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई। इस साल 50 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है, जिसे लगभग 150 दिनों में पूरा करने की योजना है।
कुशल प्रबंधन से किसानों का भरोसा-
कारखाने के महाप्रबंधक विजय कुमार दीक्षित की कुशल प्रबंधन क्षमता के कारण मरम्मत कार्य समय पर पूरा होता है और पेराई सत्र के दौरान ब्रेकडाउन न्यूनतम रहता है। किसानों और कर्मचारियों के बीच आपसी तालमेल से गन्ना फसल का रकबा और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। सही तौल और समय पर भुगतान होने से किसानों का रुझान गन्ना की उन्नत खेती की ओर बढ़ा है।
मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना का प्रभाव-
बिहार सरकार के गन्ना उद्योग विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना का शत-प्रतिशत अनुपालन हो रहा है। इसमें किसानों को गन्ना की वैज्ञानिक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
किसानों के प्रशिक्षण को भेजा जा रहा दूसरे राज्यों में-
अन्य राज्यों में किसानों को भेजकर उन्नत खेती की जानकारी दी जाती है। कीटनाशक दवाओं पर अनुदान और उन्नत बीज पौधशाला से बीज खरीद पर भी अनुदान की सुविधा मिल रही है।
किसानों के लिए वरदान बनी सुगौली चीनी मिल-
कुल मिलाकर, सुगौली चीनी मिल किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।
Cane crushing begins at HPCL Biofuels Sugoli Sugar Mill, estimated to last 150 days this year Photo- Deshvani “Factory-news-updates-today” “Farmers-Motihari-Sugauli-East-Champaran” Taaja Khabar