Patna Today’sCulturalNews By Resident Editor Jitendra Kumar Sinha, Patna, 3 फरवरी ::
माता सरस्वती पूजोत्सव के दिन, उनके दिव्य ज्योति स्वामी ज्योतिर्मयानंद का 94वां जन्मोत्सव विभिन्न स्थानों पर मनाया गया।
स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती का जन्म श्री डुमरी बुजुर्ग नयागांव, सोनपुर, सारण में हुआ था। बचपन से ही उनमें संतत्व के लक्षण दिखने लगे थे। 21 वर्ष की उम्र में, जब वे पटना साइंस कॉलेज के छात्र थे, स्वामी शिवानंद सरस्वती के दिव्य वचनों से प्रभावित होकर उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया। बाद में, अपने गुरु के आदेशानुसार, उन्होंने भारतीय योग और वेदांत दर्शन के प्रचार-प्रसार हेतु विश्व भ्रमण किया।
साठ के दशक में उन्होंने अमेरिका के मियामी, फ्लोरिडा में योग रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की और कई आध्यात्मिक पुस्तकें लिखीं, जो व्यवहारिक जीवन एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोगी हैं।
उनके जन्मस्थान ‘स्वामी ज्योतिर्मयानंद आश्रम’ (श्री डुमरी बुजुर्ग, सारण, बिहार) में उनका 94वां जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर डॉ. सतीश कुमार सिन्हा (पूर्व अधीक्षक, सदर अस्पताल, आरा), विमल कुमार (पूर्व आईपीएस अधिकारी), रेणु कुमार, योगी रजनीश, निशांत कुमार, मदन कुमार और अवधेश झा सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। संस्था के सचिव विमल कुमार ने कहा, “यह हमारा सौभाग्य है कि बिहार की ज्ञान की धरती और हरिहर क्षेत्र की मोक्षभूमि से स्वामी जी जैसे संत ने विश्वभर में भारतीय ज्ञान का विस्तार किया।”
संस्था के ट्रस्टी एवं अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक अवधेश झा ने कहा, “इस वर्ष माता सरस्वती पूजोत्सव के दिन स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती जी का जन्मोत्सव होना अत्यंत शुभ संकेत है। माता सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, और स्वामी जी का जीवन भी ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित रहा है।”
यह कार्यक्रम धनबाद (झारखंड) में भी नूपुर कुमार के नेतृत्व में आयोजित हुआ, जिसमें के. के. एस. सिन्हा (पूर्व सीजीएम, बीसीसीएल, धनबाद) मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि भारत सहित विश्वभर में स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती का जन्मोत्सव श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया।
Divine Light of Mata Saraswati; 94th Birth Anniversary of “Swami Jyotirmayananda” Celebrated at Various Places