अभिजीत परिहार, शिलांग। दुनिया में युद्ध का माहौल था और विश्व युद्ध III के आसार दिख रहे थे तब एक भारत ही था जो एक मजबूत राष्ट्र बन कर उभरा। यहाँ तक कि टैरिफ वार भी भारत के पक्ष में आया। पर भारत की तरक्की कुछ लोगों से देखी नहीं जा रही थी। जब सीमा पर गोलियाँ चलती हैं तब एक राष्ट्र का चरित्र सामने आता है। एक ओर युद्ध पाकिस्तान के साथ, दूसरी ओर चीन के साथ तनाव और बाकी अपने देश का 0.5 फ्रंट। काफी दुख होता है जब देश के जवान सीमा पर हमारी जान की सुरक्षा कर रहे हैं और इधर कुछ लोग प्रोपेगैंडा करने और देश को नीचा दिखाने में लगे हुए हैं।
भारत अपनी मजबूत कूटनीति और शासन से इस आपदा से भी आगे बढ़ रहा था। आपको बता दें कि इधर हाल ही में टैरिफ युद्ध में जब उसने चीन पर उच्च टैरिफ लगाया तो इसका फायदा भी भारत को हुआ, भारत उसकी बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को आकर्षित कर सका। शायद, देश और विदेश में यह कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। अजीत डोभाल ने सही कहा था कि हिंदुस्तानियों को हराया है तो केवल हिंदुस्तान के लोगों ने.. (एक पुरानी अजीत डोभाल के संबोधन से लिए गए शब्द, वीडियो को नीचे अपलोड कर दिया गया है)।
इसके बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल 2025 में 7.8% की जीडीपी वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ी। कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है, और रक्षा विनिर्माण में भारत अब 11 देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है और भारत जापान को पीछे करके दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
क्या देश के बारे में बात करना गलत है?
क्या राष्ट्रवादी बनना गलत है?
क्या हम वाकई सेकुलर हैं?
मेरा मानना है कि सेकुलर देश वह है जिसमें देशहित की बात हो, देश तोड़ने की नहीं।
हाँ, युद्ध मुझे भी नहीं पसंद, पर क्या हम उन आतंकवादियों के हाथ में गुलदस्ता देकर हौसला बढ़ाएँ? मेरा मानना है कि भारत का रिस्पांस वेल-मेजर्ड था और उन टेररिस्टों के कैंप और टेररिस्टों को मारकर भारत ने वाकई में करारा जवाब दिया और साथ में जस्टिस भी दिया। पर अब हमको पाकिस्तान से आगे बढ़ना चाहिए, हमारा कंपटीशन पाकिस्तान नहीं, चीन है। और फिर से भारत को तरक्की की राह पर चलना चाहिए। धन्यवाद।