सिवान। प्रतिनिधि।
कहां की घटना?
यह मामला बिहार के सीवान जिले के लकड़ी नबीगंज प्रखंड के गोपालपुर पंचायत का है।
क्या हुआ?
निगरानी जांच ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau) ने राजस्व कर्मचारी गिरीश देव तिवारी को 35,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
यह कार्रवाई गोपालपुर के अजीत सिंह की शिकायत पर हुई। अजीत ने अपनी जमीनी विवाद को लेकर शिकायत किया था, इसमें राजस्व कर्मचारी गिरीशदेव तिवारी को वंशावली सत्यापन की जिम्मेदारी मिली थी।
ग्रामीणों का आरोप है कि बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता। कई बार अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रिश्वत क्यों मांगी गयी ?
राजस्व कर्मचारी ने एक भूमि सत्यापन (जमीन की जांच और कागजात की पुष्टि) के बदले शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगी थी।
राजस्व कर्मचारी गिरीशदेव तिवारी ने 35 हजार रुपए की मांग की थी। रुपये नहीं देने पर वंशावली की सत्यापन नहीं की जा रही थी। अजीत ने पटना विजिलेंस को लिखित शिकायत की थी।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
- शिकायतकर्ता ने निगरानी विभाग को इसकी सूचना दी।
- विभाग ने जाल बिछाया।
- जैसे ही गिरीश देव तिवारी ने रिश्वत की रकम ली, उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
स्थानीय लोगों ने बताया है कि अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। कुछ निजी लोग बिचौलिया के रूप में काम करते हैं। ये लोग अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारियों से मिलकर कमीशन पर काम कराते हैं।
आगे क्या?
अब आरोपी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।
निगरानी विभाग मामले की पूरी जांच कर रहा है।
Siwan: Revenue Employee Caught Taking ₹35,000 Bribe for Land Verification by Vigilance Investigation Bureau.