Motihari | रक्सौल| अनिल कुमार|
सीमापार मानव तस्करी के दर्दनाक मामले में नेपाल की पहाड़ी नाबालिग लड़की ‘अंजली’ (बदला हुआ नाम, उम्र 14 वर्ष) को बिहार से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। इस अभियान में सामाजिक संगठनों, पुलिस और अधिकारिक टीमों ने संवेदनशीलता और तत्परता से कार्रवाई की।

मामले की शुरुआत-
पीड़ित लड़की की मां, नेपाल निवासी, ने रोते हुए इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा से संपर्क कर बेटी के गायब होने की सूचना दी। उन्होंने बताया कि गिरि नामक व्यक्ति ने दो महीने पहले उसकी बेटी को नेपाल से बिहार बहला-फुसलाकर ले गया था। बेटी ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर लिखा —
“माँ, मुझे यहाँ से बचा लो, नहीं तो मैं ज़हर खा लूंगी…”
फेसबुक संदेश और जांच-
इंस्पेक्टर ने लड़की की फेसबुक आईडी और उससे जुड़े संपर्कों की जाँच शुरू की। एक संदिग्ध मोबाइल नंबर ट्रेस हुआ, जिससे आरोपित की पहचान हुई। सायबर टीम ने लोकेशन ट्रेस कर पूरी टीम को सतर्क किया।
मिशन का समन्वय-
मामले की गंभीरता देख मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के श्री प्रियांक कानूनगो, ADG अमित जैन, और अन्य संस्थाओं ने समन्वय किया। सभी ने सुनिश्चित किया कि कोई चूक न हो।
ऑपरेशन का संचालन-
संयुक्त टीम में एसएसबी, NGO प्रयास जूबेनाइल एड सेंटर, मोतिहारी पुलिस, इंटेलिजेंस इकाई, और अन्य शामिल थे। ‘मिशन निर्भया’ ऑपरेशन को दो स्तरों पर चलाया गया —
- एक टीम बिहार के सुगौली क्षेत्र में तैनात की गयी।
- दूसरी टीम ऑनलाइन माध्यम से हर कदम पर दिशा-निर्देश दे रही थी।
सफल रेस्क्यू और गिरफ्तारियां-
अंततः तस्कर गिरि को पकड़ लिया गया और बच्ची को सुरक्षित बचा लिया गया। काउंसिलिंग स्पेशियलिस्ट आरती कुमारी ने पीड़िता की मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग शुरू की, जो आगे उसके पुनर्वास में सहायक होगी॥
दिल्ली ले जाने की तैयारी थी-
पता चला कि तस्कर लड़की को दिल्ली भेजने की तैयारी में थे। समय रहते हुई कार्रवाई से एक मासूम की ज़िंदगी बच गयी। सभी एजेंसियों ने इसे समन्वय और मानवीय जिम्मेदारी की मिसाल बताया।
मिशन में शामिल संस्थाएं-
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली
- ADG, वीकर-सेक्शन (बिहार)
- मिशन मुक्ति फाउंडेशन
- SSB
- NGO प्रयास जूबेनाइल एड सेंटर
- मोतिहारी पुलिस
- इंटेलिजेंस इकाई एसएसबी
माँ की पुकार और सामाजिक चेतना ने मिलकर बेटी को तस्करों के अंधेरे से बचाकर सुरक्षित लौटा दिया। संयुक्त टीमों की तत्परता ने मानवता की मिसाल कायम की।
Raxaul | A Nepali minor girl was rescued from the clutches of human traffickers












