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ओरल सेंसरी इंटीग्रेशन थेरेपी बच्चों के समग्र विकास 11 अगस्त 1911 को पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया में हुआ था लिए बेहद जरूरी- डॉ प्रियदर्शी आलोक

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आज के समय में अत्यंत उपयोगी है ओरल सेंसरी इंटीग्रेशन थेरेपी

पटना, 13 अप्रैल (जितेन्द्र कुमार सिन्हा) :
“ओरल सेंसरी इंटीग्रेशन थेरेपी आज के बच्चों, किशोरों और वयस्कों के समग्र विकास में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।” यह बात बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी के व्यावसायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रियदर्शी आलोक ने कही। वे चेतना फाउंडेशन, पटना द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला “Oral Sensory Integration Therapy Certification Course” के मुख्य अतिथि थे।


कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. प्रियदर्शी आलोक, डॉ. संतोष कुमार (संस्थापक एवं निदेशक, चेतना फाउंडेशन), डॉ. अदिति, डॉ. अविनाश शंकर और डॉ. अविनाश सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।


पुनर्वास सेवाओं का भरोसेमंद नाम है चेतना फाउंडेशन

कार्यक्रम में डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि यह कोर्स उन पेशेवरों के लिए आयोजित किया गया था जो स्पीच, फीडिंग और सेंसरी प्रोसेसिंग से जुड़ी थेरेपी में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं।

चेतना फाउंडेशन एक समर्पित और अग्रणी संस्था है जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों, किशोरों और वयस्कों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए व्यावसायिक और वैज्ञानिक आधार पर पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर रही है।

संस्था की प्रमुख सेवाएं:

  • स्पीच एंड लैंग्वेज थेरेपी
  • ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  • फिजियोथेरेपी
  • सेंसरी इंटीग्रेशन थेरेपी
  • स्पेशल एजुकेशन
  • बिहेवियर थेरेपी और काउंसलिंग
  • पेरेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम्स

गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जरूरी है प्रशिक्षण : डॉ. प्रियदर्शी आलोक

डॉ. आलोक ने कहा कि हर क्षेत्र में नियमित प्रशिक्षण और उन्नयन जरूरी होता है, और चेतना फाउंडेशन इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि डॉ. संतोष कुमार ऑटिज्म विषय में पीएच.डी. करने वाले क्षेत्र के इकलौते व्यावसायिक चिकित्सक हैं। उनकी टीम लगातार प्रशिक्षण आयोजित कर रही है, जिससे सेवा की गुणवत्ता बनी रहती है।


हर व्यक्ति में है आगे बढ़ने की क्षमता : डॉ. अदिति

डॉ. अदिति ने कहा कि हर व्यक्ति में आगे बढ़ने की क्षमता होती है, बस आवश्यकता होती है सही मार्गदर्शन और सहयोग की। चेतना फाउंडेशन की अनुभवी टीम बिहार ही नहीं, पूरे भारत में पुनर्वास सेवाओं का एक भरोसेमंद नाम बन चुकी है।


कोर्स में दी गई गहराई से जानकारी

डॉ. अविनाश शंकर और डॉ. अविनाश सिंह ने बताया कि इस कोर्स में प्रतिभागियों को वैज्ञानिक सिद्धांतों, हस्तक्षेप विधियों और केस स्टडी के माध्यम से ओरल सेंसरी इंटीग्रेशन की गहन जानकारी दी गई। यह कोर्स थेरेपिस्ट्स, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट्स और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के लिए बेहद लाभकारी है।

संस्था का उद्देश्य है कि बिहार सहित अन्य राज्यों में कार्यरत पेशेवरों को राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाए ताकि विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।


Speechgears Pvt. Ltd. का तकनीकी सहयोग

इस कोर्स को डिजाइन और संचालित किया Speechgears Pvt. Ltd. ने, जिसके संस्थापक भारत भूषण चन्द्रा और उनकी टीम ने प्रतिभागियों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया।

यह कंपनी ऐसी अनेक थेरेपी डिवाइसेज़ बनाती है जो डिस्फेजिया, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, फीडिंग डिसऑर्डर, कैंसर, लर्निंग डिसऑर्डर, लकवा आदि में उपयोगी होती हैं। इस कंपनी का उद्देश्य है कि ये यंत्र भारत के कोने-कोने तक पहुंचे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठा सकें।


सशक्त नेतृत्व ने कार्यक्रम को बनाया सफल

इस कार्यक्रम का सफल संचालन चेतना फाउंडेशन के निदेशक डॉ. संतोष कुमार, डॉ. अदिति, डॉ. अविनाश शंकर और डॉ. अविनाश सिंह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हुआ।

OSIT प्रशिक्षण में डॉ. कुमुद शर्मा (ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट), डॉ. नेहा यादव और डॉ. ज्योति मेहता (स्पीच थेरेपिस्ट्स) ने योगदान दिया, जबकि कार्यक्रम का संचालन वरीय प्रबंधक रौशन सिंह ने किया।

चेतना फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह कार्यशाला पुनर्वास सेवाओं में उत्कृष्टता और नवाचार की एक मिसाल बन गई है।

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