दो हजार रुपये तक के लेनदेन पर छोटे व्यापारियों को मिलेगा प्रोत्साहन, सरकार ने 1500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को दो हजार रुपये तक के लेनदेन पर प्रति लेनदेन शून्य दशमलव एक-पांच प्रतिशत (0.15%) की दर से प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
सरकार ने इस योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना विशेष रूप से छोटे व्यापारियों के डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिससे उनका लेनदेन बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के हो सके।
अश्विनी वैष्णव का बयान:
“यह योजना 1500 करोड़ रुपये की है और इसके तहत छोटे व्यापारियों के 2000 रुपये तक के भुगतान पर कोई ट्रांजैक्शन कॉस्ट नहीं लगेगी। इसके अलावा, उन्हें प्रोत्साहन भी मिलेगा। यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित सभी मानकों के अनुरूप होगी।”
सरकार का मानना है कि इस योजना से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यापारियों को नकद लेनदेन की तुलना में डिजिटल भुगतान अपनाने में आसानी होगी।
Central Government Approves Incentive Scheme to Promote Small-Value BHIM-UPI Transactions
भीम-यूपीआई के छोटे लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए “छोटे मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन (P2M) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना” को मंजूरी दी है।
योजना का क्रियान्वयन:
- यह योजना 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक लागू होगी, जिसमें 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- इस योजना के तहत केवल 2,000 रुपये तक के भीम-यूपीआई (P2M) लेनदेन शामिल होंगे, जो छोटे व्यापारियों के लिए किए जाएंगे।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
श्रेणी2,000 रुपये तक का लेनदेन2,000 रुपये से अधिक का लेनदेनछोटे व्यापारी शून्य एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) / 0.15% प्रोत्साहन शून्य एमडीआर / कोई प्रोत्साहन नहीं बड़े व्यापारी शून्य एमडीआर / कोई प्रोत्साहन नहीं शून्य एमडीआर / कोई प्रोत्साहन नहीं
- छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर 0.15% की दर से प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- योजना की प्रत्येक तिमाही में बैंक द्वारा किए गए वैध दावों की 80% राशि बिना शर्त वितरित की जाएगी।
- शेष 20% राशि निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने पर दी जाएगी:
- 10% राशि तभी मिलेगी जब अधिग्रहण करने वाले बैंक की तकनीकी अस्वीकृति दर (Technical Decline Rate) 0.75% से कम होगी।
- बाकी 10% राशि तभी मिलेगी जब बैंक की सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक होगी।
योजना के लाभ:
- छोटे व्यापारियों को बिना अतिरिक्त लागत के डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- आम नागरिकों को निर्बाध भुगतान सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे नकद लेनदेन की आवश्यकता कम होगी।
- यह योजना सरकार के ‘कम नकद अर्थव्यवस्था’ (Less Cash Economy) के लक्ष्य को मजबूत करेगी।
- बैंकिंग प्रणाली की दक्षता में सुधार होगा क्योंकि 20% प्रोत्साहन भुगतान उच्च सिस्टम अपटाइम और न्यूनतम तकनीकी असफलताओं पर निर्भर करेगा।
- यूपीआई लेनदेन की वृद्धि और सरकारी व्यय के बीच संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य:
- स्वदेशी भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देना और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 20,000 करोड़ रुपये के कुल लेनदेन का लक्ष्य हासिल करना।
- सुरक्षित और मजबूत डिजिटल भुगतान प्रणाली का निर्माण करने में भुगतान प्रणाली के भागीदारों को समर्थन देना।
- यूपीआई को टियर-3 से टियर-6 शहरों, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाना। इसके लिए फीचर फोन आधारित यूपीआई 123PAY और ऑफलाइन यूपीआई Lite/UPI LiteX जैसी नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- बैंकिंग सिस्टम का अपटाइम उच्च बनाए रखना और तकनीकी असफलताओं को कम करना।
योजना की पृष्ठभूमि:
सरकार वित्तीय समावेशन और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। डिजिटल भुगतान उद्योग अपनी सेवाओं की लागत को व्यापारी छूट दर (MDR) के माध्यम से वसूलता है।
- आरबीआई के अनुसार, डेबिट कार्ड लेनदेन पर सभी कार्ड नेटवर्क में अधिकतम 0.90% तक का MDR लागू हो सकता है।
- एनपीसीआई के अनुसार, यूपीआई P2M लेनदेन पर अधिकतम 0.30% तक का MDR लागू हो सकता है।
- जनवरी 2020 से, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रूपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन पर MDR को शून्य कर दिया था। इसके लिए भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10A और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269SU में संशोधन किया गया था।
सरकार ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में रूपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन के लिए निम्नलिखित प्रोत्साहन राशि जारी की: वित्तीय वर्षकुल प्रोत्साहन (रुपये में करोड़)रूपे डेबिट कार्डभीम-यूपीआई 2021-22 1,389 432 957 2022-23 2,210 408 1,802 2023-24 3,631 363 3,268
यह प्रोत्साहन राशि अधिग्रहण करने वाले बैंकों (व्यापारी के बैंक) को दी जाती है, जो इसे अन्य भागीदारों – जारीकर्ता बैंक (ग्राहक का बैंक), भुगतान सेवा प्रदाता बैंक (UPI ऐप / API इंटीग्रेशन को सक्षम करने वाले बैंक) और ऐप प्रदाताओं (TPAPs) के बीच वितरित करते हैं।
सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से डिजिटल लेनदेन को और मजबूती मिलेगी, जिससे नकद लेनदेन कम होगा और छोटे व्यापारियों को यूपीआई को अपनाने में मदद मिलेगी।