मोतिहारी। सुगैली से देशवाणी प्रतिमिधि
ईख अनुसंधान संस्थान, पूसा के वैज्ञानिकों की एक टीम ने बिहार में गन्ना निगरानी और सलाहकार सेवाएं परियोजना के अंतर्गत शनिवार को एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड, इकाई सुगौली का भ्रमण किया। इस दल में डॉ. सिद्धनाथ सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, एवं डॉ. अनिल कुमार शामिल थे।
ग्राम पंचायतों का भ्रमण एवं गन्ना फसल का निरीक्षण
वैज्ञानिकों की टीम ने पूर्वी चन्पारण जिले की सेनुअरिया, कठैया माधोपुर, भटहा आदि ग्राम पंचायतों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान, उन्होंने शरद कालीन गन्ना बुवाई के खेतों में फसल का निरीक्षण किया। इस क्रम में किसानों से मिलकर कीट-बीमारियों और फसल प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, किसानों की समस्याओं का ऑन स्पॉट समाधान भी किया गया।
किसानों को दी गई महत्वपूर्ण सलाह
- डॉ. सिद्धनाथ सिंह ने गन्ने में लगने वाले लालसर रोग के प्रबंधन के लिए सुझाव दिए। उन्होंने ट्राईकोडर्मा जैव नियंत्रक से बीजोपचार, मिट्टी उपचार, हरी खाद का उपयोग, और नीम एवं करंज की खली के उपयोग पर जोर दिया।
- डॉ. नवनीत कुमार ने सस्य क्रियाओं जैसे उपयुक्त बीज का चुनाव, बिजोपचार, पौधा से पौधा की दूरी, और एक अथवा दो आँख के टुकड़ों की बुआई के बारे में जानकारी दी।
- डॉ. अनिल कुमार ने गन्ना के विभिन्न अवस्थाओं में कीटों से बचाव के उपायों पर चर्चा की।
- डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने मिट्टी प्रबंधन के बारे में किसानों को जागरूक किया।
किसानों की समस्याएं एवं समाधान
किसानों ने गन्ने में लालसर रोग की समस्या को प्रमुख रूप से उठाया। इसके जवाब में, विशेषज्ञों ने बीमारी के प्रबंधन के लिए उचित तकनीकों की जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों को गन्ना खेती में अत्याधुनिक तकनीक और सलाहकार सेवाओं का लाभ मिलेगा।
स्थानीय अधिकारियों का स्वागत
एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड, सुगौली के महाप्रबंधक विजय कुमार दीक्षित एवं उप महाप्रबंधक गन्ना श्शैलेन्द्र कुमार मिश्रा ने वैज्ञानिक दल का स्वागत किया और इस महत्वपूर्ण भ्रमण के लिए आभार व्यक्त किया। उप गन्ना प्रबंधक श्री संजीव कुमार एवं श्री हरिश्चंद श्रीवास्तव ने भी भ्रमण दल के साथ खेतों का निरीक्षण किया।
इस भ्रमण से गन्ना किसानों को नई तकनीक और सुझाव मिलने से उनकी फसल उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना है।