बिहार सरकार से निःशुल्क एवं बाधा-मुक्त भूमि की उपलब्धता को लेकर सहमति मांगी गई है। बिहार सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
Motihari/ Raxaul/ Boarder area BigNews by अनिल कुमार।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को रक्सौल हवाई अड्डे के लिए उड़ान योजना 5.2 के तहत छोटे विमानों (20 सीटों से कम) के लिए बिड प्राप्त हुए हैं। यह जानकारी AAI के जनरल मैनेजर (ऑपरेशन्स) संजय दुलारे ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के माध्यम से डॉ. (प्रो.) स्वयंभू शलभ को दी।
दुलारे ने बताया कि रक्सौल एयरपोर्ट के विकास, छोटे विमानों (2B) के संचालन और भविष्य में इसे श्रेणी (3C) में विस्तार के लिए बिहार सरकार से निःशुल्क एवं बाधा-मुक्त भूमि की उपलब्धता को लेकर सहमति मांगी गई है। बिहार सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा–
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 2016 में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) – उड़ान योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई अड्डों को पुनर्जीवित कर हवाई यात्रा को किफायती बनाना है। यह योजना मांग-आधारित है, जिसमें एयरलाइन ऑपरेटर विशिष्ट मार्गों पर परिचालन की व्यवहार्यता का आकलन कर बोली लगाते हैं। चयनित ऑपरेटरों के आधार पर असेवित और अल्पसेवित हवाई अड्डों को पुनर्जीवित और उन्नत किया जाता है।
डॉ. शलभ का बयान–
डॉ. स्वयंभू शलभ ने इसे रक्सौल और भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा-
पहली बार किसी विमान कंपनी ने रक्सौल के लिए बिड प्रस्तुत की है। बिहार सरकार द्वारा भूमि और अन्य प्रावधानों पर कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। जल्द ही AAI एयरपोर्ट निर्माण का कार्य शुरू करेगा, जिससे इस क्षेत्र के लोगों का वर्षों पुराना सपना साकार होगा।
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रक्सौल हवाई अड्डा की तस्वीर। फोटो- DeshVani