जनता से कथित विश्वासघात करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान।
हृदयानंद सिंह यादव की रिपोर्ट।
बेतिया: भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में भाजपा-नीत एनडीए सरकार के 20 वर्षों का शासन पूरी तरह विफल रहा है। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार, अत्याचार और ऑफिसरशाही का शासन करार दिया। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस विश्वासघाती सरकार को उखाड़ फेंकें।
वे बेतिया के बड़ा रमना मैदान स्थित बापू सभागार (ऑडिटोरियम) में आयोजित चंपारण स्तरीय “बदलो बिहार समागम” को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम को संघर्षरत शक्तियों और ट्रेड यूनियनों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
कॉ. दीपंकर ने कहा कि बिहार बदलाव के मुहाने पर खड़ा है, लेकिन पर्दे के पीछे से शासन कर रही फासीवादी ताकतें इस बदलाव को हड़पना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ठगी महसूस कर रही है और सभी वर्ग लोकतांत्रिक बदलाव की दिशा में संघर्षरत हैं। इसलिए बिहार की संघर्षशील शक्तियों को एकजुट होकर इस लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाना होगा।
उन्होंने कहा कि
दिल्ली में भाजपा की जीत के बावजूद यह स्पष्ट संकेत है कि लोकतंत्र में परिवर्तन आवश्यक है। बिहार की जनता को भी सत्ता परिवर्तन के लिए अपने आंदोलनों को और धारदार बनाना होगा ताकि दो दशक से चल रहे भाजपा-जदयू शासन को उखाड़ फेंका जा सके।
कॉ. दीपंकर ने अपने पश्चिम चंपारण दौरे के दौरान कहा कि वे पिछले दो महीनों से गांव-गांव, शहर-शहर जाकर लोगों को भाजपा-जदयू सरकार के भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ऑफिसरशाही, पुलिस की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार की शिकार है।
उन्होंने कहा कि “न्याय के साथ विकास” और “सबका साथ, सबका विकास” जैसे नारे केवल जुमले साबित हुए हैं। वास्तविकता यह है कि बिहार की जनता के लिए स्थिति दर्दनाक और शर्मनाक बनी हुई है।
कॉ. दीपंकर ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि
वे “स्वाभिमान यात्रा” के माध्यम से उत्तर प्रदेश जैसी स्थिति बिहार में पैदा करना चाहते हैं, ताकि यहां भी बुलडोजर और एनकाउंटर राज स्थापित हो।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ चेहरा मात्र हैं, जबकि सत्ता की वास्तविक कमान भाजपा के हाथों में है, यह पूरा देश जानता है। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस सरकार के खिलाफ एकजुट होकर बदलाव की दिशा में आगे बढ़ें।