spot_img
Friday, November 22, 2024
spot_img
HomeBreakingमोतिहारी: रेलवे के विकास के बीच बलुआ टाल के निवासियों का जीवन...

मोतिहारी: रेलवे के विकास के बीच बलुआ टाल के निवासियों का जीवन संकट में, कोर्ट में जाने की तैयारी

-

मोतिहारी। रेलवे के पूर्ण विद्युतीकरण और ट्रैक दोहरीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जिससे क्षेत्र में विकास की नई रफ्तार देखने को मिल रही है। 

मोतिहारी की चांदमारी गुमटी से सटे मुहल्लावासियों की नरक वाली जिंदगी। देश वाणी।

दूसरी तरफ इस प्रगति के पीछे सैकड़ों परिवारों की सहनशक्ति की कड़ी परीक्षा ली जा रही है। गंदे नाली का कीचड़ से सने पानी में इनका आना-जाना तो मुश्किल हो ही गया है। इनका जीवन भी संकट के बीच जैसे-तैसे गुजर रहा है।

रेलवे लाइन के प़श्चिम में समानांतर सटी सड़क पर गंदे-बंजबजाते पानी की सड़ांध और सुअरों की बड़ी-बड़ी टोलियों के बीच सैकड़े निवाली जीने को मजबूर हो गये हैं। 

चांदमारी गुमटी से पश्चिम तरफ पार करने पर रेल-ट्रैक से समानांतर सटी यह सड़क पंड़ित उगम पाण्डेय कॉलेज के सामने बलुआ टाल मुख्य सड़क मिलती है। जिसके किनारे 60 से अधिक वर्षों लोगों के पैतृक मकान हैं।

चांदमारी चौक के समीप रेलवे गुमटी का  नंबर 160 है। जिसपर अभी ओआरबी का निर्माण कार्य जोरों पर है। रेलवे के पदाधिकारी भी बलुआ टाल के निवासियों के नर्क से भी बदतर जीवन को सुबह-शाम देख रहे हैं। 

मुहल्लेवालों की ऐसी स्थिति 6 महीने या एक वर्ष से नहीं है। बल्कि जब से रेलवे दोहरीकरण व पूर्ण विद्युतिकरण के काम की शुरुआत हुई थी, तब से अभी तक।

रेलवे ट्रैक के किनारे बसे इन परिवारों को बजबजाती नालियों के पानी और सुअरों के कब्जे के बीत से होकर अपने घरों तक पहुंचना पड़ता है। 

सड़कों पर सुअरों का जमावड़ा और नालियों की दुर्गंध ने जीवन को और भी कठिन बना दिया है। लोगों का कहना है कि किसी तरह खुद को बचाते हुए वे इस गंदगी के बीच से आ-जा रहे हैं।

दरअसल रेलवे के ट्रैक दोहरीकरण के दौरान रेलवे ने गुमटी के पास ही स्थित एक पुलिया को बंद कर दिया गया था।अंग्रेजों की बनायी इस पुलिया से बारिश का पानी पूर्व दिशा में बह जाता था। लेकिन अब पानी रुकने से समस्या और बढ़ गई है। 

निवासियों को उम्मीद थी कि काम पूरा होने के बाद पुलिया का निर्माण फिर से होगा, लेकिन अब न रेलवे प्रशासन उनकी सुन रहा है, न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि ही।

बलुआ टाल के निवासियों ने अपनी रोज़ी-रोटी भी गंवा दी है। कुछ लोगों ने किराना दुकानें खोली थीं, लेकिन रास्ता बंद हो जाने से ग्राहक आने बंद हो गए और दुकानें बंद करनी पड़ीं। कुछ लोगों ने अपने घरों में किरायेदार रखे थे, जो अब स्थिति बिगड़ने के कारण भाग गए हैं।

इस गंदगी से मुहल्लेवासी बीमारियों के चपेट भी में आ रहे हैं।

अब इस मुहल्ले के लोगों ने एक कमेटी बनाई है, जो रेलवे प्रशासन के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है। उनका कहना है कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद केवल अदालत से ही बची है।

Related articles

Bihar

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts