कर्मचारी महासंघ (भारतीय मजदूर संघ) के द्वितीय त्रैवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में की गयी घोषणा।
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 15 फरवरी ::
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को स्थायीकरण करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर लागू किया जाएगा। यह घोषणा पटना के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हॉल में अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी महासंघ (भारतीय मजदूर संघ) के द्वितीय त्रैवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया स्थायीकरण का वादा
इस अधिवेशन का आयोजन बिहार स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों की मेहनत के कारण बिहार कई स्वास्थ्य सूचकांकों में अग्रणी रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही हेल्थ मैनेजमेंट कैडर लागू करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
NHM कर्मियों के नियमितीकरण के लिए एडवोकेसी होगी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि आगामी विधानमंडल सत्र में NHM कर्मियों के नियमितीकरण के लिए एडवोकेसी करेंगे। उन्होंने महासंघ के पदाधिकारियों और कर्मियों को आयोजन के लिए साधुवाद दिया और कहा कि इस राष्ट्रीय अधिवेशन का बिहार में आयोजित होना गर्व की बात है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के संघर्ष को समर्थन
बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के महासचिव ललन कुमार सिंह ने बिहार सहित अन्य राज्यों से आए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बिहार की पावन धरती पर सभी प्रतिनिधियों का अभिनंदन है।
महासंघ और BMS के वरिष्ठ नेता हुए शामिल
अधिवेशन में राष्ट्रीय बीएमएस (केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठन, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त) के सुरेंद्र कुमार पांडेय, उप महासचिव गणेश मिश्रा, उप संगठन सचिव अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं NHM कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश कुमार, महासचिव विश्वराद्य एच. यामोजी, कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार कौशिक, प्रदेश बीएमएस बिहार के अध्यक्ष राजेश कुमार लाल और महासचिव संजय कुमार सिन्हा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
BMS का वैचारिक दृष्टिकोण और मजदूर आंदोलन
BMS का वैचारिक दृष्टिकोण अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से अलग है। 1955 से इस संगठन ने मजदूर आंदोलन में कई नए नारे दिए हैं, जैसे –
- भारत माता की जय – यह नारा मजदूरों में राष्ट्रीय भावना विकसित करने के लिए अपनाया गया।
- मजदूरों, दुनिया को एक करो – पारंपरिक “दुनिया के मजदूर एक हो” के स्थान पर यह नारा दिया गया।
- राष्ट्र का औद्योगिकीकरण करो, श्रम का राष्ट्रीयकरण करो और उद्योग का श्रमिकीकरण करो।
BMS को आज दुनिया का सबसे बड़ा स्वतंत्र राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन माना जाता है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों के लिए संघर्ष
2021 में परिकल्पित और 2022 में स्थापित अखिल भारतीय स्वास्थ्य और NHM कर्मचारी महासंघ (AIHNEF) संविदा और आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों के लिए संघर्षरत है। इसका पहला सम्मेलन गाजियाबाद (UP) में हुआ था, जिसमें 21 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। यह दूसरा अधिवेशन इस संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बिहार में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन
पटना में इस अधिवेशन के आयोजन को लेकर महासंघ ने गर्व जताया और कहा कि इससे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि इसी भावना के साथ पटना में L20 शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया गया था, जिसमें 29 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।