पटना से स्थानीय संपादक जितेंद्र कुमार सिन्हा।
PEN क्या है? – यह शिक्षा के क्षेत्र में पैन कार्ड जैसा एक स्थायी नंबर है, जिससे छात्र की पूरी शैक्षणिक यात्रा को ट्रैक किया जा सकता है।
“PAN vs PEN: आधार की तरह अपार भी”
PAN बनाम PEN : AADHAAR की तरह APAAR भी
भारत सरकार ने छात्रों के लिए Permanent Education Number (PEN) जारी किया है, जिसे Automated Permanent Academic Account Registry (APAAR) भी कहा जाता है। यह 12-अंकीय पहचान संख्या छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों को डिजिटल रूप से संग्रहीत, प्रबंधित और एक्सेस करने में मदद करेगी।
PEN के प्रमुख लाभ
- शैक्षणिक रिकॉर्ड का डिजिटल प्रबंधन: PEN के जरिए छात्रों की डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन सुरक्षित रहेगा।
- स्कूल-कॉलेज स्थानांतरण में सुविधा: किसी भी स्कूल या कॉलेज बदलने पर दस्तावेज़ों की हार्डकॉपी की जरूरत नहीं होगी, PEN से डिजिटल रिकॉर्ड आसानी से स्थानांतरित हो सकेगा।
- प्रमाणपत्रों की त्वरित पहुंच: छात्र अपने PEN के माध्यम से शैक्षणिक प्रमाणपत्रों तक डिजिटल रूप से पहुंच सकते हैं, जिससे समय की बचत होगी।
PEN कैसे प्राप्त करें?
- स्कूल/कॉलेज से संपर्क करें: स्कूलों द्वारा छात्रों को एक अस्थायी APAAR नंबर दिया जा सकता है।
- ऑनलाइन पंजीकरण करें: यदि अस्थायी नंबर नहीं मिला है, तो apaar.education.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
- आधार प्रमाणीकरण करें: आधार नंबर दर्ज कर OTP के माध्यम से पुष्टि करें।
- PEN प्राप्त करें: सफल सत्यापन के बाद छात्र अपना 12-अंकीय PEN नंबर और डिजिटल APAAR कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
क्या PEN अनिवार्य है?
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से कई राज्यों में छात्रों के लिए PEN अनिवार्य किया जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक यात्रा को डिजिटल रूप से सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाना है।
PEN प्रणाली के लागू होने से शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी, जिससे छात्रों को अपने शैक्षणिक रिकॉर्ड को सुरक्षित और आसानी से एक्सेस करने की सुविधा मिलेगी।
बिहार में लागू हुआ PEN, अब बिना इस नंबर के नहीं होगा स्कूल में नामांकन
बिहार में छात्रों के लिए Permanent Education Number (PEN) अनिवार्य कर दिया गया है। अब कक्षा 2 और उससे ऊपर के सभी छात्रों को नामांकन के लिए यह 12-अंकीय पहचान संख्या प्राप्त करनी होगी। बिना PEN के स्कूलों में नए नामांकन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
PEN क्या है और क्यों जरूरी है?
PEN (Permanent Education Number) छात्रों की शैक्षणिक पहचान के लिए एक 12-अंकीय यूनिक नंबर है। यह नंबर हर छात्र को एक बार आवंटित किया जाता है और उसकी पूरी शैक्षिक यात्रा के दौरान वैध रहता है। PEN के बिना, छात्र अपनी Automated Permanent Academic Account Registry (APAAR) ID प्राप्त नहीं कर सकते।
बिहार में PEN लागू करने का उद्देश्य
- छात्रों के शैक्षिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित और सुव्यवस्थित करना।
- नामांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, जिससे फर्जी नामांकन की संभावना खत्म हो।
- स्कूल बदलने या उच्च शिक्षा में प्रवेश के समय रिकॉर्ड ट्रांसफर को आसान बनाना।
बिना PEN स्कूलों में प्रवेश नहीं
पटना के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) संजय कुमार के अनुसार, अब बिहार में किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में बिना PEN के प्रवेश संभव नहीं होगा। स्कूलों की जिम्मेदारी होगी कि वे छात्रों को PEN और APAAR ID उपलब्ध कराएं।
PEN कैसे प्राप्त करें?
- स्कूल से संपर्क करें – स्कूल प्रशासन छात्रों का पंजीकरण कर उन्हें PEN उपलब्ध कराएगा।
- ऑनलाइन आवेदन करें – छात्र apaar.education.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- आधार प्रमाणीकरण करें – आधार कार्ड और पंजीकृत मोबाइल नंबर के जरिए सत्यापन करें।
- PEN प्राप्त करें – सत्यापन के बाद छात्र को उसका 12-अंकीय PEN नंबर और डिजिटल APAAR कार्ड मिलेगा।
PEN अनिवार्यता से छात्रों को क्या लाभ होगा?
- डिजिटल शैक्षणिक रिकॉर्ड – छात्रों के प्रमाणपत्र, परीक्षा परिणाम, छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक विवरण ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
- स्कूल बदलने में आसानी – PEN के माध्यम से छात्रों का रिकॉर्ड नए स्कूल में बिना किसी परेशानी के ट्रांसफर हो सकेगा।
- छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाओं में लाभ – PEN के जरिए छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षिक लाभ लेना आसान होगा।
निष्कर्ष
बिहार सरकार ने PEN को अनिवार्य कर छात्रों की शैक्षणिक पहचान को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाया है। अब हर छात्र को यह यूनिक नंबर लेना होगा, जिससे उसकी शैक्षणिक गतिविधियों का एक व्यवस्थित डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा सके। बिना PEN के नामांकन नहीं होगा, इसलिए सभी अभिभावकों को इसे जल्द से जल्द प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।
बिहार सहित इन राज्यों में लागू हुआ PEN, छात्रों के लिए अब अनिवार्य
भारत के कई राज्यों में Permanent Education Number (PEN) लागू किया गया है। अब छात्रों को स्कूल में नामांकन के लिए यह 12-अंकीय यूनिक नंबर अनिवार्य रूप से लेना होगा।
किन राज्यों में लागू हुआ PEN?
- बिहार: कक्षा 2 और उससे ऊपर के सभी छात्रों को PEN अनिवार्य किया गया है। बिना इस नंबर के स्कूलों में नामांकन नहीं होगा।
- उत्तराखंड: यहां कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी छात्रों को यह नंबर जारी किया जा रहा है।
- तेलंगाना: इस राज्य में भी छात्रों को PEN दिया जा रहा है, जो उनकी पूरी शैक्षिक यात्रा में मान्य रहेगा।
- उत्तर प्रदेश: नए सत्र से स्कूलों में प्रवेश के लिए PEN आवश्यक कर दिया गया है।
PEN क्यों जरूरी है?
- डिजिटल रिकॉर्ड: छात्रों की शैक्षिक जानकारी ऑनलाइन सुरक्षित रहेगी।
- स्कूल बदलने में आसानी: PEN से रिकॉर्ड आसानी से ट्रांसफर होगा।
- छात्रवृत्ति और योजनाओं में लाभ: PEN के जरिए शैक्षिक लाभ प्राप्त करना आसान होगा।
PEN कैसे प्राप्त करें?
- स्कूल से संपर्क कर पंजीकरण कराएं।
- apaar.education.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करें।
- आधार प्रमाणीकरण के बाद PEN नंबर और डिजिटल कार्ड प्राप्त करें।
PEN के बिना अब स्कूलों में प्रवेश नहीं मिलेगा, इसलिए जल्द से जल्द इसे प्राप्त करें।