पक्ष- विपक्ष दोनों ही परीक्षार्थियों के हित का बयान दे रहें।
सत्ता पक्ष स्पष्ट नहीं, पर विपक्ष पूरी परीक्षा रद्द कराने को आतुर
पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे विपक्षी दलों में भी एकजुटता नहीं दिख रही हैं। एक-दूसरे पर आंदेलन को हाइजैक करने का आरोप लगा रहे हैं। मतलब, सभी श्रेय लेने की फिराक में हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को दोबारा कराए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि पूरी परीक्षा रद कर दुबारा आयोजित करने पर पाला विपक्ष की तरफ जाएगा। सारा क्रेडिट उन्हें ही मिल जाएगा।
पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे विपक्षी भी एकजुट नहीं हैं। एक दूसरे पर आंदेलन को हाइजैक करने का आरोप लगा रहे हैं। मतलब सभी श्रेय लेने की फिराक में हैं।
इस बीच, विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने आंदोलनकारी छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। आश्वासन भी मिला, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
सरकार की स्थिति और विपक्ष का हमला
परीक्षा के दौरान बापू परीक्षा केंद्र पर कुव्यवस्था और हंगामे की घटनाओं के कारण केवल उस केंद्र के अभ्यर्थियों की परीक्षा दोबारा आयोजित की जा रही है। लेकिन छात्रों की मांग है कि पूरी परीक्षा रद्द कर दोबारा कराई जाए। इस पर सरकार असमंजस में है, क्योंकि परीक्षा रद्द करने का श्रेय विपक्ष को जाने की आशंका है।
विपक्षी दलों, विशेषकर राजद और भाकपा-माले, ने छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हुए सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सरकार बिना देरी किए परीक्षा दोबारा कराने की घोषणा करे। वहीं, कांग्रेस और भाकपा-माले ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध करते हुए राजभवन मार्च निकाला, जिसे पुलिस ने रोक दिया।
सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली से लौटने के बाद पटना जिलाधिकारी से इस घटना की पूरी जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि BPSC स्वतंत्र और स्वायत्त इकाई है, जो छात्र हित में सही निर्णय लेने में सक्षम है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार छात्रों की मांगों को लेकर गंभीर है और मुख्य सचिव छात्रों से लगातार बातचीत कर रहे हैं।
राजनीतिक दृष्टिकोण
राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को दो बार पत्र लिखकर छात्रों की मांग का समर्थन किया है। वहीं, सरकार की तरफ से स्पष्ट संदेश नहीं मिलने के कारण विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है।
अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या छात्रों की मांग पूरी होती है।