मेतिहारी। गुलरेज शहज़ाद।
नेता की वास्तविक पहचान दृष्टि और दूरदर्शिता में है।
रविवार को शहर के वाईएस वाटिका में आयोजित सेवा पखवाड़ा पर संसदीय रक्षा समिति के चेयरपर्सन सांसद राधा मोहन सिंह संबोधित करते उक्त बातें कहीं। वे डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक “नरेंद्र मोदी की नेतृत्व विरासत की अंतर्निहित शक्ति” (Power Within The Leadership Legacy Of Narendra Modi) पर चर्चा कर रहे थे।
रविवार को सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत भाजपा के विभिन्न प्रकोष्ठों—विधि, शिक्षक, चिकित्सा, बुद्धिजीवी और व्यवसाय—द्वारा स्थानीय वाईएस होटल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक “नरेंद्र मोदी की नेतृत्व विरासत की अंतर्निहित शक्ति” (Power Within The Leadership Legacy Of Narendra Modi) पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षा प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो. अरुण कुमार मिश्रा ने किया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में मोतिहारी सांसद और संसदीय रक्षा समिति के चेयरपर्सन राधा मोहन सिंह उपस्थित रहे।
उन्होंने पुस्तक के माध्यम से नेतृत्व की चुनौतियों, भारतीय ज्ञान की प्रासंगिकता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व शैली का अध्ययन प्रस्तुत किया।
सांसद सिंह ने बताया कि आधुनिक समाज में नेतृत्व की कई चुनौतियाँ सामने हैं। जिनमें शिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, स्वास्थ्य सेवा, भू-राजनीति, मानव संघर्ष और मानवाधिकार शामिल हैं। उनका कहना था कि नेतृत्व सिर्फ अधिकार रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्म-खोज और व्यक्तिगत विकास की निरंतर यात्रा है।
उन्होंने भारतीय नेतृत्व की अवधारणा की व्याख्या करते हुए कहा कि “नेता” शब्द की व्युत्पत्ति “नेत्र” से जुड़ी है, जिसका अर्थ है ‘आंखें’, जो इस बात को दर्शाता है कि एक नेता वह होता है जिसकी दृष्टि स्पष्ट और दूरगामी होती है। ऐसे नेता को वास्तविक अर्थों में एक दूरदर्शी माना जाता है, जो भविष्य को देखने की अद्वितीय क्षमता रखता है और दूसरों को उस दृष्टि की ओर प्रेरित करता है।
इस कार्यक्रम में मोतिहारी विधायक प्रमोद कुमार, उप महापौर डॉ. लालबाबू प्रसाद, जिला प्रवक्ता सुधांशु रंजन, मीडिया प्रभारी गुलरेज शहजाद, विधि प्रकोष्ठ के संयोजक राजीव शंकर वर्मा, चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. अतुल कुमार, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक अनिल वर्मा, व्यावसायिक प्रकोष्ठ के संयोजक धर्मेंद्र स्वर्णकार सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
इस संगोष्ठी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की गहरी समझ और भारतीय नेतृत्व की विशेषताओं को उजागर करने का कार्य किया।