एलपी गैस सिलेंडर-ठेला तो साड़ के विशेष टारगेट–
अनुमंडल क्षेत्र के अहिरवा टोला गाँव के आवारा सांड पर एक व्यक्ति की जान लेने व कइयों घायल करने को चार्ज हैं। इतना ही नहीं, यह सांड सुरक्षा बलों के वाहनों को भी पलटने से बाज नहीं आता। एलपीजी सिलेंडर ठेला और टेम्पो चालक तो मात्र इसकी कल्पना से ही सहम जाते हैं, क्योंकि यह सिलेंडर वाहनों पर हमला करने के लिए कुख्यात है। इसके बावजूद यह खुले में घूम रहा है। अहिरवा टोला गाँव में पिछले दो वर्षों से इस आवारा सांड का आतंक लगातार बना हुआ है।
लगातार बढ़ रहा सांड का आतंक
रक्सौल अनुमंडल क्षेत्र के अहिरवा टोला गाँव में पिछले दो सालों से एक आवारा सांड ग्रामीणों के लिए भय का कारण बना हुआ है। यह सांड अब तक कई लोगों को घायल कर चुका है और इसके हमले से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। हालत यह है कि गाँव का वातावरण डर और असुरक्षा में जी रहा है।
मोतीलाल साह की मौत और कई घायल
करीब दो महीने पहले इस सांड द्वारा किए गए हमले में मोतीलाल साह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
वहीं, रूदल यादव, विष्णु देव यादव, अवध यादव, कमल पटेल, नवल पटेल और प्रहलाद शर्मा समेत कई लोग सांड के आक्रामक व्यवहार का शिकार हो चुके हैं।
सुरक्षा बलों पर भी हमला
यह सांड केवल ग्रामीणों पर ही नहीं, बल्कि पुलिस व एसएसबी जवानों पर भी आक्रमण कर चुका है। बताया जाता है कि इसने कई बार पुलिस वाहनों को पलट दिया और वर्दीधारी जवानों को घायल कर दिया। इससे साफ है कि स्थिति सामान्य नहीं रही।
गैस सिलेंडर व वाहनों पर निशाना
ग्रामिणों ने बताया कि गैस सिलेंडर से लदी गाड़ियों को देखते ही यह सांड बेकाबू हो जाता है। यही कारण है कि गैस वितरण करने वाले वेंडर अब इस गाँव में जाने से घबराने लगे हैं। लाठी-डंडा लेकर भी ग्रामीण गैस गाड़ियों को सुरक्षा देने की कोशिश करते हैं, मगर डर बना रहता है।
पशुधन पर भी खतरा
सांड का हमला गाय, भैंस और बकरियों पर भी कई बार हुआ है। इसके चलते लोगों को गंभीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। जिन पशुओं से ग्रामीणों की आजीविका चलती है, वही अब खतरे में आ चुके हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों की चिंता को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं “स्वच्छ रक्सौल” के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने एसडीएम मनीष सिंह को ज्ञापन सौंपा है। इसमें मांग की गई है कि उक्त सांड को पकड़कर जंगल या किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। उनका कहना है कि यदि जल्द कदम नहीं उठाया गया, तो गाँव में किसी भी वक़्त बड़ा हादसा हो सकता है।
जनजीवन पर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि अब स्थिति असहनीय हो चुकी है। लोग घर से निकलने में भय महसूस करते हैं और बच्चे भी स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। बढ़ते खौफ़ ने उनके रोज़मर्रा के जीवन पर असर डाल दिया है।
निष्कर्ष: प्रशासन से त्वरित कदम की अपेक्षा
अहिरवा टोला के लोग अब तत्काल प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सांड को वहाँ से हटाना ही एकमात्र समाधान है। लोग आशंका जता रहे हैं कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आवारा सांड किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
फोटो विवरण: अहिरवा टोला में आवारा सांड से दहशतग्रस्त लोग
Raxaul | Plea for action against the stray violent bull in Ahirawa tola that claimed one life and injured several others
Sources