अनिल कुमार की रिपोर्ट।
नेपाल के बारा जिले में स्थित ऐतिहासिक शक्तिपीठ गढ़ीमाई मंदिर परिसर में प्रत्येक पॉंच साल में लगने वाले मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 2024 में शक्तिपीठ गढ़ी माई का मेले का शुभारंभ 15 नवम्बर को हो रहा है। इस मेले में देश-विदेश से लगभग 50 लाख श्रधालु आते हैं।
नेपाल में कहाँ हैं, शक्तिपीठ गढ़ी माई मंदिर-
नेपाल के बारा जिला मुख्यालय कलैया के पास महागढ़ीमाई नगरपालिका के बरियारपुर स्थित गढ़ीमाई मंदिर परिसर में यह मेला प्रत्येक पांच साल में लगता है।
कैसे पहुँचे-
नेपाल की राजधानी काठामांडु से कलैया 99 किमी दक्षिण में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। यहां पर बस या अपनी सवारियों से पहुंचा जा सकता है।फ्लइट से आने के लिए काठमांडू से नेपाल में ही स्थित सिमरा एयरपोर्ट आना होगा। नेपाल के बारा जिला मुख्यालय वीरगंज (Birganj) के जितपुर के नजदीक ही स्थित है, सिमरा एयरपोर्ट()।नेपाल का प्रमुख शहर भारत-नेपाल आवागमन का मुख्य प्रवेश द्वार है। बिहार के पूर्वी चम्पारण के रक्सौल अनुमंडल से सटा हुआा है। पूर्वी चम्पारण के मुख्यालय मोतिहारी से करीब 55 किमी पर स्थित है रक्सौल।
श्रधालुओं की कितनी होती संख्या-
भारत, नेपाल और एशिया के अन्य देशों के भक्तों की गहरी आस्था है। यही कारण है कि पांच साल में एक बार लगने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार के मेले में भी 50 लाख से अधिक भक्तों के आने की संभावना है, जिसमें सबसे अधिक संख्या भारतीय भक्तों की होती है।
गढ़ीमाई को मनोकामनाएं पूरी करने वाली देवी माना जाता है। इस मेले में वे भक्त अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं, जिनकी मनोकामना यहां पूरी हुई है।
कब से शुरू हो रहा मेला-
वर्ष 2024 का गढ़ीमाई मेला 15 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है, जबकि औपचारिक शुभारंभ 2 दिसंबर से होगा। विशेष पूजा 8 से 10 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी, इसी दौरान परंपरानुसार पशु बलि भी दी जाएगी। परंपरा के अनुसार, पहली बलि भारत के बनारस से डोम राजा के माध्यम से लाई जाती है, जिसके बाद अन्य भक्तों द्वारा उनकी मन्नत अनुसार बलि दी जाती है।
मेले की तैयारियों का नेतृत्व कर रहे महागढ़ीमाई नगरपालिका के मेयर उपेंद्र यादव ने कहा कि गढ़ीमाई देवी की महिमा का वर्णन करना शब्दों में संभव नहीं है।
हम सभी मां के सेवक हैं और उनकी कृपा से मेले का आयोजन कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि यहां आने वाले भक्तों को कोई असुविधा न हो। मेले को लेकर यहां कई धार्मिक मान्यताएं हैं।
मेला क्षेत्र में सिवान पूजा संपन्न हो चुकी है, जिसके बाद मेले के दौरान इस क्षेत्र से किसी भी बेटी या बहन की विदाई नहीं होती। महागढ़ीमाई नगरपालिका के साथ-साथ आसपास की सभी नगरपालिकाओं का सहयोग लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
Preparations for the grand fair held every five years at the Shakti Peeth Gadhimai Temple in Nepal are nearly complete. When will it begin?
फोटो- शक्तिपीठ गढ़ीमाई मंदिर में इस मेले की तैयारियां