रक्सौल। अनिल कुमार।
नगर विकास विभाग ने जारी किया चार पन्नों का आदेश
बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने रक्सौल नगर परिषद की मुख्य पार्षद धुरपति देवी को गंभीर प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से पद से मुक्त कर दिया है। विभाग द्वारा इस संबंध में चार पन्नों का विस्तृत आदेश जारी किया गया है।

गंभीर प्रशासनिक अनियमितताएँ सामने आयी
जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मुख्य पार्षद धुरपति देवी पर नगर परिषद में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के पदों पर अवैध नियुक्तियाँ करने, बोर्ड की स्वीकृति के बिना करीब 7 से 8 करोड़ रुपये के अनियमित खर्च और बीते आठ महीनों में बोर्ड की एक भी बैठक न बुलाने जैसे आरोप सिद्ध हुए हैं। विभाग ने यह भी उल्लेख किया है कि अधिकतर कार्यों का संचालन सशक्त स्थायी समिति द्वारा हो रहा था, जिससे बोर्ड की भूमिका लगभग समाप्त हो गई थी।
रिश्तेदार की अवैध नियुक्ति बनी बड़ी वजह
सबसे बड़ा आरोप यह है कि मुख्य पार्षद ने अपने ही एक रिश्तेदार को बिना किसी सार्वजनिक विज्ञापन या नियमित बहाली प्रक्रिया के सहायक पद पर नियुक्त कर दिया। इस संबंध में उप मुख्य पार्षद पुष्पा देवी ने विभाग को लिखित शिकायत भेजी थी।
जांच के बाद आई कार्रवाई
उक्त शिकायत के बाद, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को मामले की जांच व उचित कार्रवाई का आदेश दिया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर रक्सौल के एसडीएम ने पूरे मामले की जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपी। इसी रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने यह कड़ा फैसला लेते हुए धुरपति देवी को पद से मुक्त करने का आदेश जारी किया।
नगर क्षेत्र में हलचल, आगे भी हो सकती है कार्रवाई
मुख्य पार्षद के पदमुक्त होते ही रक्सौल नगर क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। स्थानीय नागरिकों और अन्य पार्षदों की ओर से इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। विभाग ने भविष्य में और भी कदम उठाए जाने के संकेत दिए हैं।
फोटो: रक्सौल नगर परिषद की मुख्य पार्षद धुरपति देवी पद से मुक्त
Motihari | Raxaul Nagar Parishad Chief Councillor Dhurapati Devi Removed from Post amid Serious Administrative Irregularities Allegations