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Thursday, August 28, 2025
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नेपाल के वीरगंज में भारत-नेपाल इकनॉमिक पार्टनरशिप समिट संपन्न

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Motihari | Raxaul| अनिल कुमार|



भारत-नेपाल व्यापार बढ़ाने पर गहन चर्चा

नेपाल के बीरगंज (वीरगंज) में भारत-नेपाल इकनॉमिक पार्टनरशिप समिट का सफल आयोजन किया गया। इस समिट का संयुक्त आयोजन पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री दिल्ली, भारतीय महावाणिज्य दूतावास बीरगंज, नेपाल-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (NICCI) तथा नाडा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत बनाने, सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने तथा निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता दिखाई गई।


संयुक्त संस्कृति और एफडीआई में भारत की बड़ी भूमिका

मधेश प्रदेश नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. सोहन प्रसाद साह ने कहा कि भारत और नेपाल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से बेहद घनिष्ठ संबंध साझा करते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भारत से नेपाल में निवेश (FDI) और बड़े पैमाने पर आएगा।
उन्होंने बताया कि:

  • वर्ष 2023 में नेपाल में भारत का निवेश 35% था, जो लगभग 755 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • वर्ष 2025 तक यह बढ़कर 44.5% यानी 1201 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
    नेपाल में वर्तमान समय में करीब 150 भारतीय कंपनियाँ सक्रिय हैं, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।

रक्सौल एयरपोर्ट से विकास को नई उड़ान

वीरगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि नेपाल के मधेश प्रदेश की प्रगति के लिए रक्सौल एयरपोर्ट का निर्माण और संचालन बेहद अहम है।
वर्तमान में लोग दरभंगा और पटना हवाई अड्डों पर निर्भर हैं, जबकि रक्सौल एयरपोर्ट चालू होने पर तराई के लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत-नेपाल व्यापारिक संवाद की वजह से ही रेलवे विकास और नई ट्रेनों की सुविधा बढ़ी है।


व्यापार सुगमता के लिए भंसार (कस्टम) ऑनलाइन करने की मांग

मोतिहारी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अंगद सिंह ने सुझाव दिया कि वीरगंज कस्टम (भंसार) को तुरंत ऑनलाइन किया जाए।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को परमिट बनाने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है, जिससे कई लोग वापस लौट जाते हैं। इसकी वजह से नेपाल में होटल और पर्यटन व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ता है।


पर्यटन को बताया विकास की कुंजी

डॉ. साह ने पर्यटन को नेपाल की तरक्की का बड़ा आधार बताया। उन्होंने कहा कि नेपाल की जीडीपी में 6.6% योगदान पर्यटन क्षेत्र से आता है और इसे और बढ़ाया जा सकता है।
मधेश प्रदेश की उपजाऊ जमीन और अनाज उत्पादन इसे आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।


भारतीय महावाणिज्य दूतावास व अन्य प्रतिनिधियों के विचार

भारतीय महावाणिज्यदूत देवी सहाय मीणा ने भी इस अवसर पर संबोधन किया।
इंडिया-नेपाल सेंटर (पीएचडी CCI) के सचिव अतुल कुमार ठाकुर ने नेपाल के व्यापारियों से आह्वान किया कि इस प्रकार के आयोजन दिल्ली और पटना जैसे शहरों में भी किए जाएं।
इसके अलावा एनआईसीसीआई वीरगंज के अभिषेक चौधरी, अशोक टेमानी, हरि गौतम, सुमन श्रेष्ठ, जगदीश प्रसाद अग्रवाल सहित कई अन्य प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।


📸 फोटो – नेपाल के वीरगंज में भारत-नेपाल इकनॉमिक पार्टनरशिप समिट का दृश्य


Motihari | Raxaul| India-Nepal Economic Partnership Summit Held in Birgunj, Nepal

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