फर्जी कागजात से फर्म बनाकर करोड़ों के लेन-देन का खुलासा, बैंक खातों में भी मिली गड़बड़ी
Nepal Boarder Raxaul news by अनिल कुमार।
डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की टीम ने रविवार को रक्सौल के वार्ड नंबर 19 हंस टोला में छापेमारी कर फर्जी फर्म चलाने के मामले का भंडाफोड़ किया।
मुजफ्फरपुर से आई टीम ने कार्रवाई करते हुए अर्जुन प्रसाद गुप्ता के बेटे संजीव गुप्ता उर्फ मामा को हिरासत में लिया।
संजीव गुप्ता पर आरोप है कि वह दूसरों के कागजात का इस्तेमाल कर फर्जी फर्म बनाते थे और इन फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपये का लेन-देन करते थे, जबकि संबंधित व्यक्तियों को इसकी कोई जानकारी नहीं होती थी।
क्या मिला छापेमारी में?
डीआरआई की टीम ने छापेमारी के दौरान कई आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, चेकबुक और कस्टम से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि इसके अलावा, टीम ने पाया कि संजीव गुप्ता बैंक की मिलीभगत से फर्जी हस्ताक्षर कर खाते भी खोलते थे।
कैसे हुआ खुलासा?
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पेट्रापोल सीमा से करीब 7 करोड़ 50 लाख रुपये के आयात पर डीआरआई की नजर पड़ी थी। कोलकाता की डीआरआई टीम ने बिहार की टीम से संपर्क कर मामले की जांच शुरू की। इसके बाद मुजफ्फरपुर की डीआरआई टीम ने रक्सौल पुलिस की मदद से छापा मारा।
आगे की कार्रवाई:
संजीव गुप्ता फिलहाल डीआरआई की हिरासत में है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि उसने 8 से 10 लोगों के नाम पर फर्जी फर्म बनाकर अपनी संपत्ति खड़ी की है। डीआरआई टीम जब्त दस्तावेजों की गहराई से जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस निरीक्षक राजीव नंदन सिन्हा ने बताया कि डीआरआई की टीम मामले की तह तक जाकर कार्रवाई करेगी।
Fraudulent firms created using fake documents exposed, irregularities found in bank accounts.