एनआईसी प्रमाणपत्र के बिना अप्रैल माह का वेतन नहीं होगा स्वीकृत, डाटा गड़बड़ी पर होगी कानूनी कार्रवाई
चुनाव की तैयारी में जुटा जिला प्रशासन
बेतिया। हृदयानंद सिंह यादव।
बिहार विधान सभा आम चुनाव 2025 को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए जिला स्तर पर कार्यरत सभी सरकारी कर्मचारियों का सही और पूरा डाटाबेस बनाना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसको लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने सभी कार्यालयों को निर्देश जारी किया है।
सभी कार्यालय प्रमुख और बैंक प्रबंधकों को निर्देश
केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालयों, पीएसयू, सभी बैंक शाखाओं, स्कूलों और अन्य विभागों में कार्यरत नियमित और संविदा कर्मियों का डाटा निर्धारित प्रपत्र I और II में भरकर 30 अप्रैल 2025 तक जमा करना अनिवार्य किया गया है।
यह डाटा एनआईसी कार्यालय, समाहरणालय परिसर, बेतिया में संचालित कार्मिक कोषांग को देना होगा।
किसी कर्मी का नाम छूटे नहीं, सभी को शामिल करें
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कोई भी कर्मचारी डाटा से वंचित न हो – यह सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी सुनिश्चित करें।
जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी और आईटी प्रबंधक इस पूरे डाटा को एनआईसी सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन प्रविष्ट करने की निगरानी करेंगे।
डाटा जमा न करने पर अप्रैल वेतन रोका जाएगा
जिन कार्यालयों से डाटा सही तरीके से प्राप्त होगा, वहीं पर एनआईसी बेतिया द्वारा प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा, और इसी के आधार पर अप्रैल 2025 का वेतन विपत्र कोषागार द्वारा पास किया जाएगा।
जिन कर्मियों का वेतन कोषागार से नहीं निकलता, उनके वेतन/मानदेय का भुगतान भी एनआईसी प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही संभव होगा।
गलत या अधूरा डाटा देने पर जिम्मेदार होंगे पदाधिकारी
यदि किसी कार्यालय द्वारा गलत, अधूरा या कोई डाटा नहीं दिया जाता, तो उस कार्यालय के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।
अगर डाटा में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रपत्र डाउनलोड कर भरें और जमा करें
कार्मिक कोषांग प्रभारी ने जानकारी दी कि कर्मियों से जुड़ी पूरी प्रक्रिया, जानकारी, और विहित प्रपत्र I और II को जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
सभी कार्यालय इन फॉर्म को डाउनलोड करें, सही तरीके से भरें और समय पर जमा करें, ताकि कोई बाधा न आए।
यह निर्देश चुनाव की तैयारी का एक अहम हिस्सा है, जिससे प्रत्येक कर्मी की सही जानकारी समय पर उपलब्ध हो और चुनाव कार्य में कोई बाधा न आए।