SHABD,बेतिया, August 26,
पश्चिम चंपारण के बेतिया स्थित जीएमसीएच अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सकों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया, जिससे ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप हो गयी।
26 अगस्त , बेतिया (पश्चिम चंपारण, बिहार):
मंगलवार को बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अपने मासिक मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर ओपीडी सेवा बंद कर दी।
सभी प्रशिक्षु चिकित्सक ओपीडी गेट के सामने धरने पर बैठ गए और राज्य सरकार एवं वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अचानक सेवा बाधित होने के कारण इलाज के लिए आए मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
धरने पर बैठे प्रशिक्षु चिकित्सक इंसा रहमान ने कहा-
“आज हमारी स्थिति एक दैनिक मजदूर से भी बदतर हो गयी है। हमें मात्र 20,000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है, जबकि हम बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। आपातकालीन सेवा से लेकर सामान्य ओपीडी तक हर स्तर पर हमारी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।”
2020 बैच के प्रशिक्षु डॉक्टर श्री नारायण शर्मा ने बताया कि उन्होंने कई बार सरकार से मानदेय वृद्धि की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हम मजबूर होकर 26 अगस्त से पूरे बिहार में हड़ताल पर जाने का निर्णय ले चुके हैं। हमारी मांग है कि मानदेय को बढ़ाकर 40,000 रुपये किया जाए। जब तक सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
धरने में इंसा रहमान, अश्विन कुमार, नारायण शर्मा, आर्यन राज, अंजनी कुमार, मनीष कुमार, अनमोल आनंद, गौरव पाठक, आलोक चंद्रा सहित कई प्रशिक्षु चिकित्सक शामिल हुए। सभी ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।
बाइट आश्विनी कुमार, इंसा रहमान (प्रशिक्षु चिकित्सक, जीएमसीएच बेतिया)
दुखीचंद महतो एवं अन्य मरीज (इलाज के लिए आये रोगी)
Caption :
पश्चिम चंपारण के बेतिया स्थित जीएमसीएच अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सकों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया, जिससे ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप हो गयी।
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