जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 16 अक्तूबर ::
पत्रकार लोकतंत्र की आंख और कान कहलाते हैं, जो समाज को सच्चाई से अवगत कराते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में पत्रकारों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और गरिमा पर गंभीर प्रश्न उठे हैं। इन्हीं चुनौतियों के समाधान और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” का गठन किया गया है। हाल ही में हुई इसकी अहम बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की घोषणा और संगठन के विस्तार की रणनीति तय की गयी।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा-
बैठक में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें देशभर के अनुभवी और सक्रिय पत्रकारों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं। घोषित पदाधिकारियों में प्रमुख नाम हैं —
निशिकांत राय (राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापक, मुंगेर, बिहार), सत्य नारायण भट्ट (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, द्वारका, नई दिल्ली), सुरेश कुमार शर्मा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जौनपुर, उत्तरप्रदेश), डॉ. प्रो. निशा कुमारी (राष्ट्रीय महासचिव, नई दिल्ली), सुदर्शन कुमार (राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, मंगोलपुरी, नई दिल्ली), लव व्यास (राष्ट्रीय संगठन सचिव, सांताक्रुज, मुंबई), एसएस चंदेल (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, जयपुर, राजस्थान), विपिन कुमार राय (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल) और विनय कुमार तिवारी (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, बोकारो, झारखंड)।
ये सभी पत्रकार अपने-अपने क्षेत्रों में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं।
देशभर में अभियान की तैयारी-
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आयोग अब देशभर में पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर संगठित अभियान चलाएगा। यह संगठन डॉ. जाकिर हुसैन एजुकेशन ट्रस्ट (रजि.) की इकाई के रूप में कार्य करेगा और पत्रकारों के हितों की रक्षा हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पहल करेगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष निशिकांत राय ने कहा कि आयोग पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान के लिए एक मजबूत मंच बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि संगठन का आधार राज्यों में तेज़ी से बढ़ाया जा रहा है और जल्द ही राज्य स्तरीय कार्यकारिणी और इकाइयों का गठन किया जाएगा।
आयोग के प्रमुख उद्देश्य-
आयोग ने पत्रकारों की बेहतरी और सुरक्षा हेतु कई लक्ष्य तय किए हैं, जिनमें शामिल हैं —
• पत्रकारों को किसी भी प्रकार के शारीरिक, मानसिक या राजनीतिक दबाव से सुरक्षा प्रदान करना।
• पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग उठाना और इसके लिए सरकार को ठोस प्रस्ताव देना।
• पत्रकारों के लिए नियमित प्रशिक्षण, कानूनी परामर्श और सहायता उपलब्ध कराना।
• स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी कल्याणकारी योजनाएं सुनिश्चित करना।
• वेब और डिजिटल पत्रकारों को पारंपरिक मीडिया के समान मान्यता और सम्मान दिलाना।
• निष्पक्ष, जिम्मेदार और नैतिक पत्रकारिता को बढ़ावा देना।
• पत्रकारों की समस्याओं पर सरकार और
लोकतंत्र के प्रहरी–पत्रकारों के लिए ऐतिहासिक पहल-
पत्रकार समाज को जागरूक करने और सत्ता को जवाबदेह बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन बढ़ते खतरों, आर्थिक असुरक्षा और राजनीतिक दबावों ने उनकी स्वतंत्रता को कमजोर किया है। ऐसे में “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” का गठन पत्रकारिता एवं लोकतंत्र दोनों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।
Patna | National Journalist Safety Commission formed for the safety and respect of journalists