पटना से जितेंद्र कुमार सिन्हा।
मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और भगवान राम ने रावण को युद्ध में हराया था। इस कारण इसे विजयादशमी कहा जाता है। यह पर्व अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। विजयादशमी के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद (इंद्रजीत) के पुतलों का दहन किया जाता है। यह भी माना जाता है कि दशमी के दिन गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन और कान छेदन जैसे मांगलिक कार्य शुभ माने जाते हैं।
पंचांग के अनुसार, विजयादशमी अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है, जो इस वर्ष 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष विजयादशमी का पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है, और इस वर्ष 12 अक्टूबर को प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 5:54 से 7:26 बजे तक रहेगा।