पटना से जितेंद्र कुमार सिन्हा।
प्रमुख बिंदु
• बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच छह महत्त्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी मिली।
• सदन के भीतर और बाहर विपक्षी विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।
• विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण समेत कानून-व्यवस्था के कई मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्य आक्रोशित दिखे।
विधानसभा में हंगामा: काला कपड़ा, नारेबाजी और धक्का-मुक्की-
बिहार विधानसभा की बैठक में मंगलवार को खासा हंगामेदार माहौल रहा। विपक्ष के सदस्य काले कपड़े पहनकर और बैनर लेकर सदन में पहुंचे। जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कार्यवाही शुरू की, विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में घुस आए और विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा कराने की मांग करने लगे।
विरोध के दौरान कुछ विधायकों ने रिपोर्टर टेबल को पलटने की कोशिश की। मार्शल और विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, कई विधायक गिर पड़े। हंगामे के बीच विधायकों ने विधेयकों की प्रतियां फाड़कर सत्ता पक्ष की ओर फेंक दीं और सदन में शोर-शराबा बढ़ता चला गया।
प्रश्नकाल में बाधा, बार-बार कार्यवाही स्थगित
सदन में शोर-शराबे की वजह से अध्यक्ष बार-बार विपक्ष को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। भोजनावकाश के पहले महज 21 मिनट ही कार्यवाही चल सकी। इसके बाद दोपहर में कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विरोध, नारेबाजी और टेबल पलटने का प्रयास फिर हुआ, जिसके चलते अध्यक्ष ने बैठक अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी विपक्ष ने अध्यक्ष के कक्ष के सामने प्रदर्शन जारी रखा।
राज्य विधान परिषद में भी आरजेडी, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार की नीतियों का विरोध किया।
मुख्य विधेयक जो हुए पारित
हंगामे के बीच विधानसभा में निम्नलिखित छह महत्त्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए:
• बिहार हिंदू धार्मिक न्यास (संशोधन) विधेयक, 2025
• बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बदोबस्त (संशोधन) विधेयक, 2025
• बिहार कृषि भूमि (संशोधन) विधेयक, 2025
• (अन्य विधेयकों में भूमि, नगरपालिका और श्रम क्षेत्र से संबंधित संशोधन शामिल हैं)।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ-
विपक्ष : लोकतांत्रिक अधिकार छीनने का आरोप
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान लाखों लोगों के मताधिकार को छीना जा रहा है और ये लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठेगी और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।
सत्तापक्ष : गुमराह करने का आरोप, भरोसा दिलाया
• उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जवाब दिया-
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी योग्य मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष काला कपड़ा पहनकर केवल भ्रांति फैला रहा है और इस प्रक्रिया को लेकर भ्रमित कर रहा है।
• उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा-
चुनाव में हार की आशंका से विपक्षी दल संवैधानिक विरोध का तरीका भी भूल गए हैं, उनका व्यवहार सदन के अंदर व बाहर अशोभनीय है।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र विपक्ष के जोरदार विरोध और सत्ता पक्ष के आश्वासनों के बीच हंगामेदार रहा। हालांकि, शोर-शराबा और विरोध के बावजूद राज्य के लिए जरूरी छः अहम विधेयकों को पारित किया गया। मतदाता सूची पुनरीक्षण मुद्दे पर टकराव और गर्म बयानबाजी फिलहाल जारी है
Six Key Bills Passed in Bihar Assembly Amid Scuffles and Uproar
This headline translates the spirit and events of the original Hindi headline:
“धक्का- मुक्की व भारी हंगामे के बीच बिहार विधानसभा में छह अहम विधेयक पारित”
It conveys the commotion and disruptions during which six important bills were passed in the Bihar Assembly.