Patna| जितेन्द्र कुमार सिन्हा|
जीकेसी का डिजिटल सदस्यता अभियान: कायस्थ समाज को जोड़ने की एक अनोखी पहल–
ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) ने कायस्थ समाज को एकजुट करने और उसके उत्थान के लिए एक अनोखे डिजिटल सदस्यता अभियान की शुरुआत की है।
यह अभियान न केवल समाज के सदस्यों को एक-दूसरे से जोड़ रहा है, बल्कि उन्हें न्यूनतम शुल्क पर संगठन का हिस्सा बनने का अवसर भी प्रदान कर रहा है। हाल ही में, इस अभियान को और गति देने के लिए जीकेसी ने देश भर के अपने प्रमुख पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित की, जिसमें संगठन की मजबूती, महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण और आगामी रणनीतियों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
यह अभियान पूरी तरह से डिजिटल है, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करना है। मात्र 11 रुपये के शुल्क पर कोई भी व्यक्ति जीकेसी का सदस्य बन सकता है। सदस्यता के बाद उन्हें एक स्वचालित रूप से बना हुआ पहचान पत्र और एक विशिष्ट सदस्यता संख्या प्राप्त होती है। यह पहल समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों को जोड़कर अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
प्रमुख बैठक और आगामी रणनीति-
अभियान को तेज करने के लिए आयोजित की गई बैठक में सदस्यता अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ। इस बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई:
- सदस्यता अभियान में तेजी लाना: आने वाले नवरात्रि जैसे त्योहारों का उपयोग ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से सदस्यता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
- निष्क्रिय सदस्यों को सक्रिय करना: सक्रिय सदस्यों से अपील की गई कि वे निष्क्रिय सदस्यों से संपर्क करें और उन्हें संगठन की गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।
- महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण: महिलाओं को लघु एवं कुटीर उद्योगों से जोड़ने की पहल पर विशेष जोर दिया गया। संगठन का मानना है कि महिलाओं के आर्थिक रूप से सशक्त होने से पूरे समाज को मजबूती मिलेगी।
- जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने जोर दिया कि नवरात्रि जैसे पर्व संगठन की पहचान और मजबूती को बढ़ाने का शानदार अवसर हैं। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों के माध्यम से न केवल नए सदस्य जुड़ेंगे, बल्कि मौजूदा सदस्यों में भी एकता की भावना मजबूत होगी।
व्यापक भागीदारी और भविष्य की योजनाएं
इस बैठक में कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, दिल्ली और पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव साझा किए और इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई।
जीकेसी के उपाध्यक्ष और बिहार अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने बताया कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन समाज को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम हैं। नवरात्र के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रम संगठन को व्यापक स्तर पर फैलाने में सहायक होंगे।
अंत में, सदस्यता अभियान प्रभारी निलेश रंजन ने अब तक की प्रगति का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि हजारों सदस्य डिजिटल पहचान पत्र के माध्यम से जुड़ चुके हैं और यह अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में एक नई जागरूकता और एकता का वातावरण बना रहा है - जीकेसी ने यह स्पष्ट किया है कि यह अभियान सिर्फ नामांकन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क बनाना है। भविष्य में, राज्य स्तर पर कार्यशालाएं, युवाओं के लिए नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम और महिलाओं के लिए उद्यमिता सहयोग मंच स्थापित करने की योजना है। इन प्रयासों के माध्यम से संगठन का लक्ष्य कायस्थ समाज को एक शक्तिशाली और एकजुट समुदाय के रूप में स्थापित करना है
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