रक्सौल | अनिल कुमार
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा बिहार सरकार से मांगी गई जमीन उपलब्ध होते ही रक्सौल हवाई अड्डे के निर्माण और विकास कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्राधिकरण ने शिक्षाविद् डॉ. (प्रो.) स्वयंभू शलभ को ईमेल के माध्यम से जानकारी दी है कि राज्य सरकार से भूमि मांगी गई है, लेकिन अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
हाल ही में प्राधिकरण द्वारा भेजे गए मेल में यह भी बताया गया कि उड़ान योजना 5.2 के तहत छोटे विमानों (2B श्रेणी) के लिए बोली लग चुकी है। भविष्य में इस हवाई अड्डे का विस्तार 3C श्रेणी के विमानों की उड़ान के अनुकूल किए जाने की योजना है।
डॉ. शलभ ने नगर एवं जिला प्रशासन से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने की अपील की, ताकि हवाई अड्डे के संचालन और प्रबंधन से संबंधित सभी शर्तें पूरी कर इसे प्राधिकरण को सौंपा जा सके। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट के शुरू होने से उत्तर बिहार और भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह हवाई अड्डा बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। सीमावर्ती क्षेत्र में हवाई संपर्क मजबूत होने से व्यापार, पर्यटन और आपातकालीन सेवाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रशासनिक स्तर पर अब जरूरी है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, ताकि यह बहुप्रतीक्षित परियोजना जल्द साकार हो सके।
फोटो: रक्सौल हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी की मांग