मोतिहारी। रक्सौल से अनिल कुमार की रिपोर्ट।
नेपाल से भारत निर्यात हो रहे खाद्य पदार्थों के सैंपल जाँच के लिए कोलकाता भेजे जाते हैं । जाँच रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन लग जाता है। तबतक खाद्य पदार्थों से लदे कंटेनर लौरी को बोर्डर पर खड़ा रखना पड़ता है।
आयात और निर्यात में आ रही इन्हीं समस्याओं को हल करने के लिए रक्सौल कस्टम कार्यालय में बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता सीमा शुल्क पटना की संयुक्त आयुक्त पिंकी कुमारी ने की। इसमें कस्टम अधिकारी, एफएसएसएआई कोलकाता के अधिकारी, कस्टम कर्मी और सीएचए के प्रतिनिधि शामिल थे।
बैठक में आयातकों और निर्यातकों ने नेपाल से खाद्य तेल और पेय पदार्थों के आयात के दौरान आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा की। विशेष रूप से, इन वस्तुओं के सैंपल की जांच कोलकाता भेजे जाने के कारण 15-20 दिनों की देर होती है, जबकि अन्य पोर्ट जैसे जोगबनी, सोनवर्षा, और भीठामोर पर सैंपल की जांच रक्सौल की स्थानीय एफएसएसएआई प्रयोगशाला में होती है, जिससे रिपोर्ट 2-3 दिनों में मिल जाती है।
संयुक्त आयुक्त पिंकी कुमारी ने एफएसएसएआई अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। एफएसएसएआई कोलकाता के अधिकारी ने कठिनाइयों को दूर करने का आश्वासन दिया।
बैठक में सहायक आयुक्त रामानंद सिंह, अधीक्षक अजय कुमार गुप्ता, सुशील कुमार सिन्हा और असीम कुमार मंडल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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